रात भर भीगते रहे भद्रवाह के शिवभक्त

By: Aug 25th, 2017 12:05 am

भरमौर —  मणिमहेश यात्रा में पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से भरमौर पहुंचे यात्री बुधवार रात के बाद हेलिपैड पर बारिश के बीच बच्चों सहित भीगते रहे, जिसके चलते भद्रवाह से आने वाले यात्रियों को प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था की भी पोल खुलकर सामने आ गई है। सैकड़ों की तादाद में भरमौर पहुंचे शिवभक्तों को हेलिपैड पर एक टेंट तक नहीं लगाया गया। बुधवार मध्यरात्रि के बाद हेलिपैड पर खुले आसमान के नीचे ठहरने को मजबूर हुए यात्रियों के बीच बारिश का दौर आरंभ होते ही अफरा-तफरी मच गई। लिहाजा इस दौरान कुछेक को आसपास सिर छिपाने की जगह मिल पाई, जबकि कई यात्रियों को बारिश के बीच ही परिवार सहित हेलिपैड पर समय गुजारना पड़ा। बहरहाल मणिमहेश यात्रा के लिए पड़ोसी राज्यों से आए यात्रियों के लिए टेंट तक का प्रबंध न होने के चलते वह यहां की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार को भारी संख्या में जम्मू-कश्मीर से यात्री भरमौर पहुंचे हैं। इस दौरान यात्रियों ने सदियों से चले आ रहे उनके ठहराव हेलिपैड पर डेरा जमा लिया। प्रशासन की ओर से यात्रियों के लिए यहां पर टेंट नहीं लगाए गए हैं, जिसका खामियाजा यहां आने वाले सैकड़ों यात्रियों को बुधवार मध्यरात्रि के बाद भुगतना पड़ा। भद्रवाह से आए यात्रियों कुलदीप शर्मा, फकीर चंद, कुलदीप कुमार समेत प्रेम सिंह आदि ने बताया कि प्रशासन की ओर से इंतजाम के नाम पर महज औपचारिकता ही की है। उन्होंने बताया कि बुधवार मध्यरात्रि के बाद अचानक यहां पर बारिश का दौर शुरू हो गया। इस दौरान कुछेक यात्रियों ने अपने साथ तिरपाल भी लाई थी और उन्होंने किसी तरह अपने टेंट बांध कर बारिश से बचने का प्रबंध कर लिया, वहीं कइयों ने पेड़ या फिर झाडि़यों तथा भवनों के बरामदों में अपने लिए जगह की व्यवस्था की। इस बीच कई यात्री ऐसे भी थे कि वह अपने परिवार सहित यहां पहुंचे हुए है और वह अपने बच्चों के साथ कंवल ओढ़ कर हेलिपैड पर ही डटे रहे। यात्रियों को कहना है कि मणिमहेश यात्रा के दौरान हर वर्ष हजारों की तादाद में शिवभक्त भद्रवाह से भरमौर पहुंचते हैं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से उनके ठहरने के प्रबंध के नाम पर महज औपचारिकता ही की जाती है।

चंबा में भी नहीं थी उचित व्यवस्था

गुरुवार दोपहर में भद्रवाह की ग्राम पंचायत श्रेणा के ब्लासू से पहुंची छड़ी के साथ आए यात्रियों को जिला मुख्यालय में अव्यवस्था की मार झेलनी पड़ी है। छड़ी के प्रमुख बाबू राम कोतवाल ने बताया कि जब वह मुख्यालय पहुंचे, तो यात्रियों के लिए एकमात्र लंगर की व्यवस्था थी, जबकि अन्य लंगर बंद कर दिए गए हैं। उनका कहना है कि हर वर्ष चंबा में यात्रियों के लिए लंगर की व्यवस्था होती रही है। उन्होंने कहा कि छड़ी के साथ आए सैकड़ों यात्रियों को चंबा में होटलों की ओर रुख करना पड़ा।

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