कोटरूपी हादसे पर सदन गमगीन

By: Aug 23rd, 2017 12:05 am

सदानंद चौहान-कोटरूपी हादसे पर सदन गमगीन

विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन पक्ष-विपक्ष ने दो मिनट का मौन रख दी श्रद्धांजलि

newsशिमला— मानसून सत्र के पहले दिन सदन ने दिवंगत विधायक सदानंद चौहान को जहां श्रद्धांजलि दी, वहीं कोटरूपी हादसे पर भी शोक जताया गया। सदन ने दो मिनट का मौन रखकर अपनी संवेदनाएं जताईं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्वर्गीय विधायक  सदानंद चौहान को याद करते हुए कहा कि वह समाज सेवक थे और जनता के बीच उनका अच्छा रसूख था। मुख्यमंत्री ने बताया कि सदानंद चौहान की मृत्यु 25 जून को हुई, जो कि 61 वर्ष के थे। 27 अक्तूबर, 1955 को जन्मे सदानंद नाहन से वर्ष 2003 में जीतकर आए थे, जिनकी दुखद मृत्यु से न केवल उनके परिवार को क्षति हुई है, बल्कि समाज को भी बड़ा आघात लगा है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए कामना की।

जनसेवा के लिए थे चिंतित

नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि स्वर्गीय सदानंद चौहान लोक जनशक्ति पार्टी के एकमात्र विधायक थे और क्षेत्र की समस्याएं उठाने के लिए हमेशा आगे रहे। श्री धूमल ने कहा कि प्रदेश में बारिश व भू-स्खलन के कारण बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं और सबसे बड़ा हादसा कोटरूपी का  था। उन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए भी सदन को श्रद्धा सुमन अर्पित करने चाहिए।

नाहन के लिए आघात

नाहन के विधायक डा.राजीव बिंदल ने कहा कि सदानंद चौहान नाहन के लोकप्रिय नेता थे। गरीबों के बीच बैठना, उनके बीच रहना उनकी आदत थी, जिनके साथ उनका विशेष लगाव था। उनकी मृत्यु नाहन क्षेत्र के लिए बड़ा आघात है।

बुटेल ने भी जताया दुख

प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने भी दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और कहा कि पूर्व विधायक के निधन और कोटरूपी हादसे से वह भी दुखी हैं। इसके बाद सदन ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

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