सेना की मारक क्षमता बढ़ाएगी मोदी सरकार
नई दिल्ली— केंद्र सरकार ने सेना की कार्य प्रणाली में सुधारों तथा खर्च में संतुलन बनाने के उद्देश्य से आजादी के बाद का सबसे बड़ा कदम उठाते हुए गैर जरूरी विभागों को बंद करने तथा कुछ को आपस में मिलाने का निर्णय लिया है। सेना की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 60 हजार अधिकारियों और जवानों को जरूरत के हिसाब से लड़ाकू भूमिका में तैनात किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सेना की कार्य प्रणाली में सुधारों तथा खर्च में संतुलन के बारे में सुझाव देने वाली समिति की 65 सिफारिशों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेतकर की अध्यक्षता में गत वर्ष मई में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने गत दिसंबर दी गई अपनी रिपोर्ट में 99 सिफारिशें की थीं, जिनमें से 65 सिफारिशों को रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि ये सिफारिशें चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएंगी और वर्ष 2019 के अंत तक यह पूरी तरह लागू हो जाएंगी। इनके लागू होने के मद्देनजर 57 हजार अधिकारियों और जवानों को लड़ाकू भूमिका और संचालन तथा अन्य कामों में तैनात किया जा सकेगा।
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