2.90 लाख बंदरों का जन्म रुका

By: Aug 25th, 2017 12:10 am

सरकार के कार्यक्रम से अब तक 126369 उत्पातियों की नसबंदी

NEWSशिमला— प्रदेश सरकार ने राज्य में बंदरों की नसबंदी का कार्यक्रम चलाकर 2.90 लाख बंदरों का जन्म होने से रोका है। यह चलाई गई योजना के संभावित आंकड़े हैं, जिनको सदन में एक लिखित जवाब में उजागर किया गया है। सरकार ने दावा किया है कि उसके द्वारा चलाई गई नसबंदी योजना का पूरा प्रभाव आने वाले सालों में दिखाई देगा, क्योंकि प्रदेश में बंदरों के संभावित जन्म की दर कम हुई है। आंकड़ों के अनुसार नसबंदी कार्यक्रम के चलते अभी तक राज्य में एक लाख 26 हजार 369 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। इसके लिए राज्य में आठ केंद्र चलाए जा रहे हैं और मोबाइल वैन द्वारा भी मौके पर ही बंदरों की नसबंदी की जा रही है। वैसे हैरानी इस बात की है कि जिन मादा बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है, उनमें कइयों के पास आज भी बच्चे गोद में दिखते हैं। प्रदेश में 38 तहसीलों में एक वर्ष के लिए बंदरों को वर्मिन घोषित कर मारने की मंजूरी केंद्र सरकार से मिली थी, लेकिन अभी तक बंदरों को किसी ने नहीं मारा। मई में यह अवधि समाप्त हो गई थी, जिसे एक और वर्ष के लिए आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 42 और तहसीलों तथा 11 उपतहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित करने की मांग की है, जिसके संबंध में एक पत्र केंद्र को लिखा है, परंतु अभी तक वहां से इसकी मंजूरी नहीं मिल सकी है। बंदर एक बड़ी समस्या हर व्यक्ति के लिए होे चुके हैं, क्योंकि यह न केवल शहरी क्षेत्रों में बड़ा उत्पात मचा रहे हैं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन्होंने किसान की खेतीबाड़ी को ही उजाड़ दिया है। इनके कारण बड़ी संख्या में किसानों की खेती छूट चुकी है, मगर अभी तक इनके उत्पात को रोकने के लिए कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जा सका है। सरकार सिर्फ नसबंदी करके भविष्य में इनकी संख्या को कम करने की कवायद में लगी है। इसके अलावा उसके पास भी कोई रास्ता नहीं है, जबकि यहां पर बंदरों को वर्मिन घोषित किया जा चुका है।

आंकड़ों के मुताबिक

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में 12931, वर्ष 2015-16 में 13543 और वर्ष 2016-17 में 15 897 बंदरों की नसबंदी की गई है और यह कार्य लगातार जारी है।

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