अबू सलेम को उम्रकैद

By: Sep 8th, 2017 12:08 am

1993 मुंबई बम ब्लास्ट पर आया फैसला, ताहिर-फिरोज को फांसी की सजा

NEWSमुंबई— 1993 में मुंबई को दहला देने वाले सीरियल बम धमाकों के मामले में टाडा की विशेष अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा सुनने के बाद अदालत में ही अबू सलेम रो पड़ा। सलेम पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अबू के दूसरे साथी मोहम्मद ताहिर मर्चेंट और फिरोज अब्दुल राशिद खान को फांसी की सजा सुनाई गई। अदालत ने करीमुल्लाह खान को भी उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर भी दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया। यदि करीमुल्लाह यह जुर्माना देने में नाकाम रहता है तो उसे जेल में दो साल और गुजारने होंगे। रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई। अदालत के फैसले के बाद विशेष सरकारी वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम ने बताया कि अबू सलेम को उम्रकैद हुई है। अबू सलेम 12 साल जेल में गुजार चुका है। ऐसे में भारत और पुर्तगाल मिलकर तय करेंगे को अबू सलेम को जेल में कितना दिन रहना होगा। दूसरे दोषी जेल में जितना वक्त गुजार चुके हैं, उनकी सजा में वह कम कर दिया जाएगा। वैसे रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पुर्तगाल के कानून के मुताबिक, उम्रकैद का मतलब 25 साल होता है। ऐसे में उसे जेल में और 13 साल गुजारने होंगे। गौर हो कि मुंबई में 12 मार्च 1993 को हुए सीरियल बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे। इन धमाकों में करीब 27 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी। इस मामले में 16 जून, 2017 को जस्टिस जीए सनप ने अबू सलेम, मुस्तफा डोसा, करीमुल्लाह खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिद्दीकी और ताहिर मर्चेंट को धमाकों का षड्यंत्र रचने के लिए दोषी माना था, जबकि एक अन्य आरोपी अब्दुल कयूम को इस मामले से बरी कर दिया था। इसमें मुस्तफा डोसा की मौत हो चुकी है। सीबीआई के मुताबिक, मुंबई धमाके छह दिसंबर, 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए किए गए थे। यह ब्लास्ट दुनिया का पहला ऐसा आतंकी हमला था, जहां दूसरे विश्वयुद्ध के बाद इतने बड़े पैमाने पर आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया। इस केस में 33 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता दाऊद इब्राहिम, उसका भाई अनीस इब्राहिम, मुस्तफा दौसा का भाई मोहम्मद दौसा और टाइगर मेमन शामिल हैं। मुंबई ब्लास्ट केस में सजा सुनाए जाने का यह दूसरा मामला है, जिसमें दोषियों को सजा सुनाई गई है। पहला मामला 2007 में पूरा हुआ था जिसमें 100 आरोपियों को दोषी माना गया था। इनमें याकूब मेमन और अभिनेता संजय दत्त भी शामिल थे। याकूब को पिछले साल फांसी दे दी गई थी। अबू सलेम को पुर्तगाल से 2005 में प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाया गया था। इस प्रत्यर्पण संधि के हिसाब से उसे अधिकतम 25 साल की सजा दी जा सकती थी।


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