आप अनाथ नहीं, कोर्ट आपके साथ

By: Sep 26th, 2017 12:15 am

सुजानपुर बाल आश्रम पहुंचे हाई कोर्ट के जस्टिस त्रिलोक चौहान बच्चों से बोले

NEWSसुजानपुर— हाई कोर्ट शिमला के न्यायमूर्ति जस्टिस त्रिलोक चौहान ने सोमवार को सुजानपुर बाल आश्रम का दौरा कर यहां रहने वाले बच्चों से मुलाकात की। शाम करीब छह बजे यहां पहुंचे न्यायमूर्ति चौहान ने सुजानपुर बाल आश्रम में प्रवेश करते हुए बच्चों की सुविधाओं संबंधी तमाम जानकारियां लीं। उन्होंने बच्चों से सवाल-जवाब भी किए। उन्होंने कहा कि यहां रहने वाले बच्चे अपने-आपको बेसहारा, अनाथ न समझें, प्रदेश सरकार और प्रदेश न्यायालय उनके लिए 24 घंटे सहायता स्वरूप खड़ा है। किसी भी जरूरत के लिए बच्चों को तरसाया नहीं जाएगा। उन्होंने बाल आश्रम अधिकारियों से भी बाल आश्रम की विस्तृत रिपोर्ट ली और यहां सुरक्षा मामलों संबंधित उचित दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने पाया कि शौचालय की स्थिति अति दयनीय है। इसके लिए कार्य करें, स्वच्छता अपनाएं और बच्चों को पूरी तरह साफ-सुथरा रखें। उन्होंने बच्चों से सवाल-जवाब करते हुए कहा कि यहां उन्हें हर प्रकार की सुविधा दी जा रही है , अगर उन्हें किसी भी तरह की कोई कमी लगती है,, तो वह उनसे बताएं कि उसे भी जल्द पूरा करवा दिया जाएगा। पढ़ाई और खेलकूद के बारे में उन्होंने बताया कि शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद भी जरूरी है। शिक्षा से जहां विकास होता है, वहीं खेलकूद से मानसिक विकास भी बढ़ता है। उन्होंने छात्रों को रिफे्रशमेंट भी दी और यहां से बार-बार छात्र क्यों भागते हैं, इस पर भी सवाल-जवाब किए। उन्होंने बच्चों से कहा कि इस बाल आश्रम को केवल अनाथ आश्रम न समझें, इसे अपना घर समझें और यहां तमाम सुविधाओं का फायदा लें। इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी के साथ तमाम जिला प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। न्यायमूर्ति ने इस दौरान सुजानपुर का भी दौरा किया।


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