इस दिवाली चीन को चपत तय
डोकलाम विवाद के बाद भारतीय व्यापारियों ने सामान का आयात घटाया
नई दिल्ली – चीन के साथ रिश्तों में तनातनी के बीच इस बार त्योहारी सीजन में भारतीय बाजारों में चीन के उत्पादों का जलवा कम होने की आशंका है। भारतीय त्योहारों पर पिछले कई बरसों से ड्रैगन का दबदबा रहा है। हालांकि इस बार डोकलाम विवाद और चीनी सामान के बहिष्कार के अभियान की वजह से स्थिति कुछ बदली नजर आ रही है। हालांकि कुछ व्यापारियों का यह भी कहना है कि सस्ते चीनी सामान का मुकाबला आसान नहीं है। इस साल दिवाली से पहले व्यापारियों ने भी चीन से सामान के आर्डरों में काफी कमी की है। रोशनी की लडि़यां हों अथवा तमाम तरह के गिफ्ट आइटम, देवी-देवताओं की मूर्तियां या गॉड फिगर, हर साल दिवाली से पहले ऐसे चाइनीज उत्पादों की बाढ़ आ जाती है। देशभर के थोक व्यापारी दिवाली से चार-पांच महीने महीने पहले ही चीन से सामान मंगाने के लिए आर्डर दे देते हैं। पिछले साल दिवाली के मौके पर चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान जोरदार तरीके से चला था, लेकिन इसके बावजूद ड्रैगन का दबदबा कायम रहा। कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि डोकलाम विवाद हालांकि सुलझ चुका है, लेकिन निश्चित रूप से चीन से हमारी मैत्री कमजोर पड़ी है। श्री खंडेलवाल कहते हैं कि दिवाली से पहले होली और राखी पर भी चीन से आयात कम हुआ। उन्होंने कहा कि लोगों से लगातार चीन का सामान नहीं खरीदने को कहा जा रहा है और इसका असर दिख भी रहा है। श्री खंडेलवाल कहते हैं कि इस बार दिवाली पर चीन के सामान की बिक्री पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत से भी कम रहने का अनुमान है।
मूर्तिकारों-कुम्हारों की बल्ले-बल्ले
कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेड्रर्स के मुताबिक यह दिवाली हमारे मूर्तिकारों, कुम्हारों के लिए बढि़या रहने वाली है। अब ग्राहक चीन से आयातित देवी-देवताओं की मूर्तियों के बजाय देश में बनी गॉड फिगर की मांग करने लगे हैं। इसके अलावा दीयों और मोमबत्तियों की मांग भी अधिक रहने की संभावना है। वहीं, दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा भी मानते हैं कि इस बार दिवाली पर ड्रैगन का दबदबा कम रहेगा।
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