ऊर्जा उत्पादकों को दुखने लगी रायल्टी

By: Sep 3rd, 2017 12:02 am

सरकार को देनी पड़ती है मुफ्त बिजली, अब राहत देने के लिए करने लगे मांग

शिमला— प्रदेश के ऊर्जा उत्पादकों को अब सरकार को दी जाने वाली मुफ्त बिजली की रायल्टी दुखने लगी है। प्रोजेक्ट लेने के समय सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों पर इन लोगों को कोई ऐतराज नहीं था, लेकिन अब परेशानी होने लगी है। ऊर्जा क्षेत्र में कुछ हद तक गिरावट आने के कारण ऊर्जा उत्पादक परेशान हैं और इसी वजह से रायल्टी भी चुकाना नहीं चाहते, जबकि प्रदेश सरकार को यही एक बड़ा लाभ इन बिजली परियोजनाओं से मिल रहा है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष ऊर्जा उत्पादकों ने इस क्षेत्र में आ रही गिरावट का बखान करने के साथ रायल्टी का मुद्दा भी उठा दिया। हालांकि मुख्यमंत्री ने इसपर अधिक तवज्जो नहीं दी, लेकिन जिस तरह से ऊर्जा उत्पादक रायल्टी की  राशि और मुफ्त बिजली के मामले को उठाने लगे हैं इससे साफ है कि आने वाले दिनों में इसे लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे। हाल ही में सरकार ने ऊर्जा उत्पादकों को बड़ी राहतें दी हैं और क्योंकि इस क्षेत्र को नुकसान हो रहा है। ऊर्जा उत्पादक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और परेशान हैं। यहां पर नए प्रोजेक्ट नहीं लग पा रहे हैं, वहीं कोई नया आवेदन भी सरकार को नहीं मिल पा रहा है। इसलिए सरकार चाहती है कि कुछ हद तक इनकी परेशानियों को कम कर दिया जाए। सूत्रों के अनुसार यहां की पावर एसोसिएशंस में जो ऊर्जा उत्पादक शामिल हैं। उन्होंने इस संदर्भ में अपनी रणनीति बनाई है। सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के सामने ये लोग रायल्टी का मुद्दा भी प्रमुखता के साथ उठाएंगे। रायल्टी को लेकर इनका मानना है कि जो सालों पहले नीति बनाई गई थी उसे बदला जाए। सरकार अपना हित ही न देखे, बल्कि उत्पादकों को भी रायल्टी की दरों को कम किया जाए और मुफ्त बिजली के अनुपात को भी कम किया जाए।

अनुपात में कमी हो

किसी भी बिजली परियोजना से मुफ्त बिजली जो कि रायल्टी के रूप में सरकार लेती है का अनुपात अलग-अलग है। साल दर साल इसमें बदलाव होता है। पहले तीन साल में 12 फीसदी, फिर 18, 28 और 40 फीसदी तक का अनुपात तय कर रखा है। उत्पादक इस अनुपात में बदलाव लाकर इसमें कमी चाहते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App