कछुआ चाल को भी मात दे गया पालमपुर बाइपास पुल
पालमपुर- पालमपुर में निर्माणाधीन एक बाइपास पुल ने प्रदेश में तेज गति से करवाए जा रहे विकास कार्यों के दावों की पोल खोल दी है। पालमपुर शहर में यातायात का दबाव कम करने में सहायक माने जाने वाले इस पुल के निर्माण में लग रहे वक्त ने तो कछुआ चाल को भी मात दे दी है। केवल 720 मीटर लंबे इस बाइपास का निर्माण एक दशक पूर्व शुरू किया गया था, पर अब तक जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। दस साल की अवधि में करीब पौना किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण पूरा न हो पाना स्वयं में ही एक बहुत बड़ा सवाल बन चुका है। हैरानी की बता है कि पुल का काम पूरा किए जाने को लेकर विधायक व विधानसभा अध्यक्ष के साथ केंद्रीय मंत्री की ओर से भी समय दिए जाने के बावजूद पुल का लोकार्पण नहीं हो सका है। हादसों, डिजाइन व शटरिंग में परिवर्तन और सरकारी नुमाइंदों के आश्वासनों के बीच शिलान्यास पट्टिकाओं तक ही सीमित बाइपास पुल के निर्माण से पालमपुर बाजार में यातायात समस्या से काफी राहत मिलेगी। पालमपुर थाना से लेकर शीतला माता मंदिर तक बाइपास पुल निर्माण की नींव रखी गई है, जिससे बैजनाथ व मंडी की ओर जाने वाले वाहनों को पालमपुर बाजार से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।हर बार तारीख पे तारीख, पर पुल तैयार ही नहीं हो रहाबार-बार दी जा रही तारीखों के बीच अक्तूबर, 2014 में विधानसभा अध्यक्ष् बृज बिहारी लाल बुटेल ने दिसंबर, 2015 तक पुल जनता को समर्पित करने की बात कही थी तो पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने कहा था कि मामला केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा गया है और मंत्री ने दिसंबर, 2016 तक पुल तैयार करने के निर्देश दिए थे। पुल निर्माण की सुस्त रफ्तार को लेकर सांसद शांता कुमार स्वयं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात कर चुके हैं।
हादसों का गवाह बना पुल
करीब दस साल से बन रहे पुल निर्माण के दौरान गिरने से दो लोगों की जान भी जा चुकी है। निर्माण के दौरान दिसंबर, 2010 में पुल का हिस्सा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि सात लोग घायल हुए थे, वहीं दिसंबर, 2011 में हुए हादसे ने एक व्यक्ति की जान ली थी और आठ लोग घायल हुए थे।
बढ़ रही निर्माण लागत
जब पुल का निर्माण शुरू किया गया था तो इस पर करीब पौने छह करोड़ रुपए खर्च का अनुमान था। लगातार सरकते काम के बीच अब पुल का खर्चा भी सात करोड़ को पार चुका है, पर पुल का काम फिलवक्त पूरा होता नहीं दिख रहा है। पुल में कुल आठ स्लैब डाले जाने हैं और इसमें अभी एक स्लैब का काम पूरा होना है।
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