कांग्रेस-भाजपा में बदलेंगे बड़े टिकट

By: Sep 9th, 2017 12:40 am

नए चेहरों पर दोनों दलों का नया दांव, फील्ड रिपोर्ट और सर्वेक्षण बनेगा आधार

newsशिमला— हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए इस बार भाजपा व कांग्रेस नए चेहरों पर बड़े दाव खेलने की तैयारी में है। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने सर्वेक्षणों के आधार पर 28 से भी ज्यादा नए टिकट बदलने की तैयारी की है। कमोवेश कांग्रेस में भी यही तैयारी चल रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने फील्ड रिपोर्ट व सर्वेक्षणों के आधार पर मौजूदा विधायकों व पूर्व विधायकों की अलग से सूचियां तैयार करने के निर्देश दिए हैं। हर चुनाव क्षेत्र से चार-चार दावेदारों के पैनल भेजे जाएंगे। हर पैनल में एक महिला नेत्री का नाम आवश्यक होगा। इसमें कमजोर व ऐसे चुनाव क्षेत्र जहां वर्तमान में भाजपा का विधायक नहीं है, वहां दावेदारों की पृष्ठभूमि, उनकी छवि व गत पांच वर्षों के दौरान संगठन के लिए दिए गए योगदान का भी उल्लेख करना होगा। यानी इस बार भाजपा में टिकट आबंटन नेताओं की सिफारिश पर नहीं, बल्कि फील्ड व सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर होगा। प्रादेशिक नेताओं की राय तो ली जाएगी, मगर विभिन्न एजेंसियों के रिकार्ड को भी देखा जाएगा। मौजूदा विधायकों की परफार्मेंस के साथ-साथ नकारात्मक मतों को भी ध्यान में रखा जाएगा। यानी किसी क्षेत्र से यदि दो या तीन बार विधायक जीतता रहा है तो उस क्षेत्र में उसके खिलाफ नकारात्मक मत तो पैदा नहीं हुए हैं, इसकी भी जानकारी ली गई है। दूसरी ओर कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष द्वारा जो फीडबैक दिया गया है, उसके आधार पर टिकट चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। कांग्रेस ने भी दो बार जिला स्तर पर ऐसे सर्वेक्षण करवाए हैं, जिनके आधार पर आगामी कार्रवाई जारी है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेता 30 से भी ज्यादा टिकटों पर नए चेहरे उतारने की पैरवी कर रहे हैं। इनमें से कई नेता तो अपने परिजनों को भी टिकट दिलवाने की जुगत में है। इसी को लेकर कांग्रेस में तनातनी जारी है। विधानसभा चुनाव 2017 में दोनों ही दलों के दावे चाहे जो भी रहे हों, मगर इस बार नए चेहरों को दोनों ही दलों में मौका मिलने जा रहा है, यह तय है। इनमें से महिला नेत्रियां कितनी होंगी, इसे लेकर विवाद है। हालांकि भाजपा ने शिमला में आयोजित कार्यसमिति की बैठक में महिलाओं को आश्वासन तो दिए हैं, मगर वरिष्ठ नेताओं की मानें तो पांच-छह स्थानों को छोड़कर ऐसे टिकट ज्यादा नहीं बंट सकते।

दोनों पार्टियों की केंद्रीय कमान मजबूत

कांग्रेस हाइकमान लगातार मजबूती स्थिति में आ रही है। नतीजतन प्रादेशिक नेताओं की ज्यादा नहीं सुनी जा रही। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व शुरू से ही मजबूत स्थिति में है। प्रादेशिक नेता अपनी राय तो दे सकते हैं, पर उसे मनवाने की स्थिति में नहीं दिखते।


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