ग्रेड-पे में विसंगति वाले आदेश खारिज

By: Sep 5th, 2017 12:01 am

सरकार झुकी, बिजली बोर्ड कर्मचारियों की मांगें मानीं

शिमला —  मंगलवार को बिजली कर्मचारियों के प्रस्तावित सचिवालय घेराव से पहले सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन झुक गया है। बोर्ड प्रबंधकों ने कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों को बुलाकर उनके साथ बात की और इस वार्ता में उनके ग्रेड-पे की विसंगति दूर करने की बड़ी मांग मान ली है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी ने इस मसले पर प्रबंधकों से बातचीत कर मामले को निपटाने का प्रयास किया है। उनके स्तर पर ही यह मसला लटका हुआ था, जिससे बिजली कर्मचारी नाराज थे। लगभग 10 हजार कर्मचारियों को जुटाकर यहां प्रदेश सचिवालय के घेराव की रणनीति बनी थी, जिसे 15 दिन के लिए टाल दिया गया है। कर्मचारी यूनियन के साथ हुई वार्ता में बोर्ड की ओर से प्रबंध निदेशक पीसी नेगी के अलावा अन्य सदस्य मौजूद रहे, जबकि यूनियन की ओर से प्रधान कुलदीप खरवाड़ा व महामंत्री हीरा लाल वर्मा के साथ अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। सरकार द्वारा ग्रेड-पे की विसंगतियों वाले कार्यालय आदेश को वापस लेने का फैसला लिया गया है। उल्लेखनीय है कि बोर्ड प्रबंधक वर्ग द्वारा बिजली बोर्ड के 48 श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतनमानों को कम करने के विरोध में यूनियन काफी समय से संघर्षरत थी और पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ अभियान चलाया हुआ था। सोमवार को इस मुद्दे पर बोर्ड प्रबंधक वर्ग और यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच में हुई वार्ता में बोर्ड ने अपने कार्यालय आदेश संख्या 10, 30 अक्तूबर, 2013 को अगले वेतनमान के संशोधन तक निरस्त करने का फैसला लिया है और इन श्रेणियों के कर्मचारियों को वर्ष 2013 से पुराने वेतनमानों पर बढ़ी हुई ग्रेड-पे दी जाएगी। इसके अतिरिक्त बिजली बोर्ड में लंबित पडे़ करुणामूलक के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सरकार की तर्ज पर निपटाने पर भी सहमति बनी है। इसके चलते बोर्ड में पिछले कई वर्षों से लंबित पडे़ मामलों का निपटारा अगले दो सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा। यूनियन द्वारा बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल द्वारा गत मार्च महीने मे बोर्ड में नवनिर्मित विद्युत उपकेंद्रों के लिए स्वीकृत किए गए 550 सब-स्टेशन स्टाफ  के पदों की अधिसूचना को शीघ्र करने की मांग पर बोर्ड प्रबंधन वर्ग ने इस अधिसूचना को शीघ्र जारी करने का आश्वासन दिया है।

आंदोलन सिर्फ स्थगित, वापस नहीं लिया

बैठक में यूनियन द्वारा बिजली बोर्ड में ठेके पर (आउटसोर्सिज) में लगे सभी कर्मचारियों की सेवाएं एक स्थायी नीति बनाकर विभाग के अधीन लाने की भी मांग की है। इस दौरान कर्मचारियों ने उनके काटे जा रहे भविष्य निधि व स्वास्थ्य बीमा की राशि पर सख्त निगरानी रखने भी मांग रखी। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि यूनियन ने आंदोलन को 15 दिनों के लिए स्थगित किया है, जिसे वापस नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार व महकमे को कर्मचारियों की सभी मांगें पूरी करनी चाहिएं।


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