जान की दुश्मन बनी व्हेल
(पूजा, मटौर )
दिन-प्रतिदिन पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो रही मोबाइल गेम ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ बच्चों की जान की दुश्मन और उनके माता-पिता का जीना हराम कर दिया है। ऑनलाइन गेम ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ कई देशों के लिए समस्या बन गई है। ऑनलाइन चैलेंज रूस से शुरू किया गया है। इस गेम के कारण करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन जब से हिमाचल में इस गेम ने दस्तक दी, हर किसी के अंदर एक डर जैसा बैठ गया है। जैसे ही बच्चा स्कूल या कालेज से घर आता है, माता-पिता का पहला प्रश्न होता है बेटा तुम ने कोई गेम तो नहीं खेली। उसके शरीर को देखने लगते हैं। जनता किस-किस चीज से अपना बचाव करे हर दिन कोई न कोई न समस्या जिस समस्या का अंत मौत ही होता है। इस गेम में बच्चों को 50 दिनों का टास्क दिया जाता है, तो माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि बच्चों के व्यवहार में कोई फर्क तो नही आ रहा है। अगर हम बच्चे के व्यवहार के फर्क को पहचान जाएं, तो हम अपने बच्चे की जान बचा सकते हैं। वैसे देखा जाए तो हम ने यह मुसीबत भी खुद ही मोल ली है। हम बड़ी शान से कहते थे कि देखो मेरा लड़का इतनी छोटी सी उम्र में ही मोबाइल चला लेता है, कम्प्यूटर चला लेता है। यही शेखी आज मुसीबत बन गई है। इस मुसीबत से निकलने का यही एक रास्ता है कि अभिभावक बच्चों के प्रति सतर्क रहें।
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