जीएसटी से बेहतर कुछ नहीं

By: Sep 4th, 2017 12:04 am

नई दिल्ली – अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल में देश के करीब साढ़े छह करोड़ कारोबारियों की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाने एवं उनका समाधान सुलभ कराने में मीडिया से भूमिका निभाने की अपील की है। श्री खंडेलवाल ने नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट््स (इंडिया) के एकदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में आयोजित जीएसटी कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह अपील की। उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी से बेहतर कर प्रणाली कुछ नहीं हो सकती है। इससे व्यापारियों को 17 प्रकार के करों एवं उनके दस्तावेजों को समेटने के झंझट से बचने का मौका मिला है, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर सरकार में ही इतने भ्रम एवं विसंगतियां हैं कि व्यापारी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कर प्रणाली पर कोई नोडल विभाग या अधिकारी नियुक्त नहीं किए हैं। यह पूरी प्रणाली सूचना प्रौद्योगिकी आधारित कर सुधार है, जबकि 60 प्रतिशत व्यापारियों के पास कम्प्यूटर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने देशभर में अपने 20 हजार से अधिक कार्यालयों को जीएसटी सुविधा केंद्र बनाने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि देश में 6.34 करोड़ छोटे खुदरा व्यापारी है, जो सालाना करीब 40 लाख करोड़ रुपए का कारोबार करते हैं। यह कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोज़गार देने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत अब तक करीब 75 लाख व्यापारी पंजीकृत हुए हैं। सरकार का कहना है कि यदि एक करोड़ व्यापारी पंजीकृत हो जाते हैं तो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक से डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि होगी।


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