ज्यादा भार उठाने से फेल हुई लांचिंग

By: Sep 3rd, 2017 12:02 am

बंगलूर— क्या इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) द्वारा गुरुवार को छोड़ा गया भारत के आठवें नेविगेशन सेटलाइट आईआरएनएसएस-1 एच की असफल लांचिंग के पीछे एक टन का अतिरिक्त वजन रहा है? प्रॉजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों ने इसे माना भी है। बता दें कि गुरुवार को लांचिंग के कुछ देर बाद ही इसरो ने मिशन को असफल घोषित कर दिया था। इस वजन के कारण सेटलाइट की सफल लांचिंग की ऊंचाई प्रभावित हुई और उसकी रफ्तार में प्रति सेकंड एक किलोमीटर की कमी आ गई। इसरो सेटलाइट सेंटर के पूर्व डायरेक्टर एसके शिवकुमार ने कहा कि लांच व्हीकल अपने डिजाइन के अनुसार एक टन ज्यादा वजन लेकर जा रहा था और इसके कारण हीट शील्ड इससे अलग नहीं हो पाया। इस कारण राकेट की गति भी प्रभावित हुई। उदाहरण के तौर पर राकेट की गति प्रति सेकंड 9.5 किलोमीटर होनी चाहिए थी, लेकिन इसकी गति 8.5 किलोमीटर प्रति सेकंड ही रही। गौरतलब है कि 1,425 किलोग्राम वजन के सेटलाइट को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लांच पैड से पीएसएलवी-सी39 के जरिए छोड़ा गया था। इसरो चेयरमैन एएस किरन कुमार ने मिशन के फेल होने की घोषणा की थी। सेटलाइट हीट शील्ड से अलग नहीं हो पाया। एएस किरन कुमार ने कहा कि आंतरिक रूप से सेटलाइट अलग हो गया, लेकिन यह हीट शील्ड में बंद होता है। चौथे चरण में सेटलाइट को हीट शील्ड से अलग होना था।


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