डिप्लोमे के लिए तैयार नहीं टीचर

By: Sep 26th, 2017 12:10 am

शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के फरमान के खिलाफ खोला मोर्चा

NEWSशिमला  — हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष व अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ  के उपाध्य्क्ष वीरेंद्र चौहान ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा तीन अगस्त को जारी निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के डीएलएड से संबंधित फरमान का विरोध किया है। पत्र में कहा गया है कि 2001 से 2017 कार्यरत अध्यापकों को एनआईओएस नोएडा से पंजीकृत करवाकर दो साल का डिप्लोमा इन एजुकेशन के प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करवाना पड़ेगा व 31 मार्च, 2019 से पहले इस प्रशिक्षण को पूरा करना होगा। वीरेंद्र चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कक्षा छह से आठ तक पढ़ाने वाले अध्यापक आरटीई एक्ट 2010 लागू होने से पहले ही नियुक्त थे। इनमें से कोई भी अध्यापक 2010 से पूर्व बिना प्रशिक्षित नियुक्त नहीं हुआ है। आरटीई एक्ट-2010 की धारा 23 की उपधारा-दो तथा एनसीटीई की 23 अगस्त, 2010 की गाइडलाइन के अनुसार  2010 से पूर्व में नियुक्त अध्यापकों के लिए इस प्रकार का कोई भी नियम नहीं है कि पहले से कार्यरत अध्यापकों को अंक सुधार के लिए प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विभाग ने कुछ भी क्लीयर नहीं किया है कि डीएम व पैट अध्यापकों को भी क्या डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन करना है या 12वीं में 50 प्रतिशत अंक अर्जित करने हैं। उसी तरह एलटी व ओटी को बीएड करना है या डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन  करना है। श्री चौहान ने कहा कि एमएचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी इस संबंध में जल्द ही चिट्ठी लिखी जाएगी, जिसमें पहले से नियुक्त अध्यापकों को या तो छूट की बात की जाएगी या फिर सरकार द्वारा स्वयं टे्रनिंग की बात कही जाएगी।

सी एंड वी अध्यापक बोले,  अब हम डीएलएड-बीएड क्यों करें

शिमला— शिक्षा विभाग के तुगलकी फरमान का सी एंड वी अध्यापक संघ ने विरोध किया है। संघ का आरोप है कि शिक्षा विभाग द्वारा 22 सितंबर को अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि तीन सितंबर, 2001 से 10 सितंबर, 2017 के बीच नियुक्त सभी सी एंड वी अध्यापकों को डीएलएड व बीएड करना अनिवार्य होगा। संघ इस फरमान का सी एंड वी अध्यापक संघ बहिष्कार करता है, क्योंकि सी एंड वी अध्यापकों की नियुक्ति आर एंड पी रूल्ज के अनुसार हुई है। इसमें डीएलएड व बीएड करने का कोई प्रावधान नहीं था, तो 17 वर्ष बाद शिक्षा विभाग को सी एंड वी अध्यापक अप्रशिक्षित कैसे होने लगे। डीएलएड का डिप्लोमा जेबीटी के समकक्ष है। कला अध्यापक पीईटी, शास्त्री व भाषा अध्यापक छठी से दसवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। डीएलएड तो जेबीटी के लिए है। यदि पहली से चौथी कक्षा तथा पांचवीं से आठवीं कक्षा तक प्रारंभिक शिक्षा विभाग होता तो सी एंड वी डीएलएड करते। ऐसा फरमान जारी कर सी एंड वी अध्यापकों पर कुठाराघात किया जा रहा है, क्योंकि जो अध्यापक 2001 में नियुक्त हुआ है और 2019- 2020 में सेवानिवृत्त होने जा रहा हो, तो वह 17 वर्ष के नियमित सेवाकाल के पश्चात 2019 में जमा दो की परीक्षा पास करे और सेवानिवृत्त हो जाएं। इसी प्रकार शास्त्री व भाषा अध्यापक भी 17 वर्ष पश्चात डीएलएड क्यों करें। शिक्षा का अधिकार का हवाला देकर इस अधिसूचना को लागू किया जा रहा है, मगर आरटीई भी देश में 2010 में लागू हुई है, तो इसे 2010 के पश्चात नियुक्त शिक्षकों पर लागू करना चाहिए था। शिक्षा विभाग इस अधिसूचना का वापस नहीं लेता है तो संघ धरना-प्रदर्शन करेगा।


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