तीन दशक में नहीं मिला कोई भी सम्मान

By: Sep 5th, 2017 12:05 am

सोलन    – एससीईआरटी सोलन में सह प्राचार्य के पद पर तैनात डा. अशोक गौतम का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है। इसके अलावा उनके समाजिक बुराईयां, कुरीतियों तथा विसंगतियों पर देश  की विभिन्न पत्रिकाओं में करीब छह हजार लेख भी प्रकाशित हो चुके हैं। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के लिए तीसरी से पांचवीं कक्षा  तक का पाठक्रम तैयार करने में भी डा. अशोक गौतम को विशेष योगदान रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय डा. गौतम को आज  किसी भी सम्मान से नहीं नवाजा गया है। वह बीते 31 वर्षो से शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।  डा. अशोक गौतम अब तक अपने निजी प्रयासों से दस पुस्तकें भी प्रकाशित कर चुके हैं।  उनके द्वारा लिखि गई पुस्तक गधे ने जब मुंह खोला, लठमेव जयते, यह पायजामे में हूं मैं,झूठ के होल सेलर, खड़ी खाट फिर भी ठाठ,  वफादारी का हल्पनामा, फेस बुक पर होली, पुलिस नाके पर भगवान काफी अधिक चर्चित रही हैं। शिक्षा विभाग में तीन दशक तक नौकरी करने बाद उन्हें आज तक सरकारी स्तर पर कभी सम्मानित नहीं किया गया। उनके पास उपबल्धियों की फाइल तो काफी मोटी है, लेकिन कभी इस फाइल पर किसी नजर नहीं पड़ी या फिर यह कह सकते हैं कि राजनीतिक पहुंच न होने की वजह से आज तक उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया है जो कि मिलना चाहिए था। शिक्षक दिवस पर यदि इस प्रकार को शिक्षकों को सम्मानित किया जाए तो सही माइने में इस दिन अर्थ भी सार्थक साबित हो सकता है। डा. अशोक गौतम जैसे ईमानदार शिक्षकों की फाइल साहब के टेबल तक पहुंच ही नहीं पाती है, जबकि सही माइने में वे शिक्षक दिवस पर सम्मान के पात्र हैं।


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