तीन माह में शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया

By: Sep 23rd, 2017 12:01 am

धर्मशाला-शिमला फोरलेन की ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट छह महीने में हुई तैयार

हमीरपुर  – पिछले साल केंद्र से मिले धर्मशाला-शिमला फोरलेन की ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट रिकार्ड समय छह माह में तैयार कर ली है। नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (नहाई) ने यह रिपोर्ट अध्ययन के लिए नेशनल हाई-वे तथा लोक निर्माण विभाग को भेज दी है। दोनों विभागों से कमेंट आने के बाद फोरलेन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। इस आधार पर फाइनल डीपीआर के तहत इस फोरलेन के निर्माण कार्य के लिए भू-अधिग्रहण प्रक्रिया आरंभ होगी। नहाई के आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि अगले तीन महीने में धर्मशाला-शिमला फोरलेन के निर्माण कार्य की टेंडर प्रक्रिया आरंभ होगी। इसके चलते कुल 223 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन का निर्माण कार्य मार्च, 2018 तक आरंभ हो जाएगा। अगले दो सालों में फोरलेन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दिल्ली की नामी आईटीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फोरलेन की डीपीआर तैयार की है। इसमें मटौर से लेकर शिमला तक छह बाइपास का प्रावधान किया गया है। इसमें कांगड़ा तथा हमीरपुर के दोनों मौजूदा बाइपास शामिल हैं। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में इस फोरलेन के अत्याधुनिक तकनीक से निर्माण की सिफारिश की गई है। वर्तमान में सर्पीली सड़क वाले इस फोरलेन के निर्माण से धर्मशाला-शिमला की किलोमीटर की दूरी भी काफी हद तक कम हो जाएगी। केंद्रीय सड़क मंत्रालय के निर्धारित मापदंडों के तहत इस फोरलेन की डीपीआर के लिए आईटीसी कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त किया था। कंपनी ने निर्धारित समय से पहले छह माह के भीतर ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट नहाई को सौंप दी है। नेशनल हाई-वे तथा लोक निर्माण विभाग कंसल्टेंट की रिपोर्ट का अध्ययन कर अपनी प्रतिक्रिया देगी। इस आधार पर दोनों एजेंसियों के कमेंट लेकर रिपोर्ट राज्य सरकार को अंतिम मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। इस डीपीआर पर लोक निर्माण विभाग के सचिव अपने अहम सुझाव दे सकते हैं। इसी उद्देश्य से ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट नेशनल हाई-वे को भी भेजी गई है।


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