तुस्सां वे दशहरे रा छंदा…आए लोड़ी जरूर
कुल्लू — तुस्सां वे दशहरे रा छंदा, आए लोड़ी जरूर। जी हां, इस बार कुल्लू प्रशासन ने कुल्लवी में दशहरे का सभी को न्योता भेजा है। दशहरे के निमंत्रण पत्र पर कुल्लवी में ही सब कुछ छपा है। यह प्रशासन की अनोखी व अनूठी पहल है। आजतक देवभूमि हिमाचल के किसी भी जिला में निमंत्रण कार्ड स्थानीय बोली में पूरी तरह से प्रकाशित नहीं हो पाया है, लेकिन जिला कुल्लू के उपायुक्त एवं दशहरा कमेटी के अध्यक्ष यूनुस ने स्थानीय बोली कुल्लवी बोली को कायम रखने के लिए यह बड़ा बीड़ा उठाया है। यह जिला कुल्लू के लिए बड़ी गौरव की बात है। दशहरा उत्सव के निमंत्रण कार्ड को देखकर हर कोई खुश हो गया है। मुख्यातिथि समेत वीआईपी तथा अन्य विशेष अतिथियों को कुल्लवी बोली में लिखा निमंत्रण कार्ड भेजा गया है। सन् 1650 ई. के बाद शुरू हुए कुल्लू दशहरा उत्सव में यह पहला उत्सव है, जिसमें कुल्लवी बोली में निमंत्रण कार्ड को प्रकाशित किया गया है। कार्ड में कुल्लू की नाटी की पेंटिंग फोटो प्रकाशित की गई है। इस नाटी को देखकर भी कार्ड की सुंदरता में और ज्यादा निखार आ गया है। कार्ड में भगवान रघुनाथ की रथयात्रा की पेंटिंग फोटो छापी गई है। यही नहीं इसमें कुल्लू दशहरा का इतिहास भी लिखा गया है। कुल्लवी बोली के निमंत्रण कार्ड में प्रकाशित की गई कुल्लवी शायरी भी कार्ड की शोभा को बढ़ा रही है।
इस तरह छपा है निमंत्रण पत्र
कार्ड में कुल्लवी में लिखा गया है कि 15 प्रबिष्टै यानी 30 सितंबर वै कुल्लू रै कटागली शाड़ा न सौत रोजा चलणू आला देवमिलणा रा उच्छव विदा दसमी शुरू होणा। देवी हिंडिंबा दोतके साढे़ दस बजे राजै रै बेहड़े पुजणा। 3-4 बजे भागवाना री शोभायात्रा संघे भगवान रघुनाथै री पालकी रघुनाथपुरा न रथ मदान ढालपुर शाड़ा न पूजणा। करनाहली होर शनाई रै मीठे बाजै संघे रथ यात्रा शुरू होणी। सौंज्कै बेलै हिमाचल प्रदेशै रै महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत होरा स्व. लाल चंद प्रार्थी कला केंद्रा न उद्घाटन केरना। आखरी ध्याडै़ दोती 11 बजे हिमाचल प्रदेशै रै मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह होरा कला केंद्रा न मेले रा समापन केरना।
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