दिव्यांगों को 5 % आरक्षण अनिवार्य

By: Sep 3rd, 2017 12:10 am

NEWSशिमला — उच्च शिक्षण संस्थानों में दिव्यांगों को एक्ट के मुताबिक आरक्षण न मिलने पर हाई कोर्ट के सख्त आदेशों के बाद शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षा निदेशकों को इस बारे सख्त निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने कहा है कि विभिन्न संस्थानों से जो सूचना जुटाई गई है, उसमें सामने आया है कि अधिकतर संस्थान पांच फीसदी आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं हैं। हाल ही में एचपीयू को भी हाई कोर्ट ने पांच फीसदी आरक्षण न देने पर फटकार लगाई है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे विकलांगजन अधिकार अधिनियम- 2016 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करें। एक सप्ताह पूर्व ही हाई कोर्ट ने एचपीयू को आदेश दिया है कि दिव्यांग विद्यार्थियों को पांच फीसदी आरक्षण के नए प्रावधान के तहत दाखिला दिया जाए। विवि में दिव्यांग छात्र-छात्राओं को प्रवेश में पांच फीसदी आरक्षण न दिए जाने को लेकर दृष्टिबाधित छात्रा इंदु कुमारी के पत्र का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने ये आदेश दिए। इंदु कुमारी के मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने विश्वविद्यालय को आदेश दिए कि उसे व उसके जैसे चार अन्य पात्र दिव्यांग छात्रों को पांच फीसदी आरक्षण के नए प्रावधान के तहत दाखिला दिया जाए।

मुख्य सचिव-रजिस्ट्रार दें जवाब

कोर्ट के आदेशों के बाद शिक्षा विभाग ने निदेशकों को दिए निर्देश हाई कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से जवाब-तलब किया है कि विकलांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के उच्च शिक्षा से संबंधित धारा 32 लागू कराने को उन्होंने क्या कदम उठाए। अदालत ने इस पर कड़ा एतराज जताया कि एससी, ओबीसी, माइनोरिटी एवं स्पेशियली एनेबल्ड विभाग के निदेशक द्वारा विभिन्न विभागों को नया कानून लागू करने के लिए सिर्फ अनुरोध किया, कोई निर्देश जारी नहीं किए गए। कोर्ट के इन आदेशों के बाद विभाग ने एक बार फिर नए सिरे से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इस अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए दिव्यांगों को पांच फीसदी आरक्षण देने को कहा है।


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