दूसरों को रोशन करने वाले हिमाचल का यह गांव आज भी अंधेरे में

By: Sep 24th, 2017 12:15 am

newsकुल्लू – आधुनिकता का युग चला हुआ है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के दुर्गम गांव शाक्टी और मरोड़ आज भी घुप अंधेरे में गुजर बसर कर रहे हैं। प्रदेश सरकार भी अपने आप को हाईटेक मान रही है, परंतु शाक्टी और मरोड़ गांव तक कांग्रेस सरकार बिजली नहीं पहुंचा पाई है। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह छह बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन यहां के लोगों की फरियाद को नहीं सुन पाए। हैरानी इस बात की है कि जिला कुल्लू के सैंज क्षेत्र में बिजली प्रोजेक्टों की भरमार हैं, लेकिन इस क्षेत्र से दुर्गम गांव के लोग अंधेरे में रह रहे हैं। लिहाजा, यहां के लोगों की फरियाद को सुनने के लिए सरकार और प्रशासन दोनों ने अनदेखी की है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही वादा किया था कि शाक्टी-मरोड़ गांव को बिजली से जोेड़ा जाएगा, लेकिन सरकार का दावा फीसदी साबित हो गया है। बीते दिनों प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हालांकि सैंज घाटी का दौरा भी किया। शाक्टी-मरोड़ और शुगाड़ गांवों के 100 के करीब परिवारों ने उम्मीद जताई थी कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुनेंगे और बिजली बोर्ड को कार्य शुरू करने के निर्देश देंगे।

सरकार और जिला प्रशासन खामोश

शाक्टी-मरोड़ गांव की दास्तां कोई सुने तो हर किसी का दिल पसीज जाता है, लेकिन सरकार और प्रशासन खामोश है। आजादी के इतने दशक बीत जाने तक यहां के ग्रामीण कायल की लकड़ी को रोशनी के प्रयोग में लाते आ रहे हैं। सूखे कायल के पेड़ के तने से निकलने वाली शल्ली को जलाकर लोग रात्रि भोजन करते हैं। लिहाजा, यहां के गांवों के लोगों को सरकार की सुविधाओं का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है।

प्रशासन आया, फिर भी नहीं मिल रही सुविधा

कुल्लू में उपायुक्त रहे राकेश कंवर भी शाक्टी- मरोड़ गांव पहुंचे थे। उन्होंने यहां पहुंच कर लोगों की समस्या को साझा किया था और उनके यहां पहुंचने से ग्रामीण खुश भी हुए थे। लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके गांव का कायाकल्प होने वाला है, लेकिन उनके तबादले के बाद कुछ नहीं हो पाया है।

फोरेस्ट क्लीयरेंस का फंसा है पेंच

शाक्टी-मरोड़ गांव को बिजली पहुंचाने के लिए बजट का प्रावधान भी हुआ है, लेकिन पांच साल में फोरेस्ट क्लीयरेंस नहीं हो पाई है। फाइल विभागों की कोठरी में बंद पड़ी हुई है। इस पर न प्रशासन, बिजली बोर्ड और न ही सरकार गंभीरता दिखा रही है।

मिडल से आगे नहीं पढ़ पाते बच्चे

शाक्टी-मरोड़ और शुगाड़ के बच्चों की पढ़ाई बिजली न होने से प्रभावित हो रही है। प्राथमिक, मिडल से आगे बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों को बिजली न होने से पढ़ाई करने में काफी दिक्कतें आती हैं। अभिभावकों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है।


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