दो अफसरों समेत पांच और पुलिस कर्मी दिल्ली तलब

By: Sep 1st, 2017 12:06 am

बिटिया प्रकरण में सीबीआई ने कसा शिकंजा; एएसपी, डीएसपी, दो संतरियों समेत मुंशी से भी कड़ी पूछताछ

NEWSशिमला — कोटखाई छात्रा गैंगरेप व हत्या के मामले में सीबीआई ने पुलिस पर शिकंजा कस दिया है। आईजी व डीएसपी समेत आठ पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को दो और पुलिस अफसरों व तीन पुलिस कर्मियों को दिल्ली तलब किया गया। पांचों गुरुवार को दिल्ली पहुंचे, जहां पर सीबीआई द्वारा उनसे कड़ी पूछताछ की गई। नई दिल्ली में आईजीएमसी के दो फोरेंसिक डाक्टरों से भी इस प्रकरण के सिलसिले में पूछताछ की गई है। इस पूरे प्रकरण में सीबीआई के राडार पर कुछ और लोग भी हैं, जिन पर जांच एजेंसी कार्रवाई करनी की पूरी तैयारी कर चुकी है। कोटखाई प्रकरण में पुलिस के दो बड़े अफसरों सहित कुल आठ कर्मियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद अब अन्य भी सीबीआई के राडार पर हैं। इसी कड़ी में सीबीआई ने गुरुवार को दो और पुलिस अफसरों और तीन पुलिस कर्मियों को भी दिल्ली तलब किया। इनमें एएसपी भजनदेव नेगी, डीएसपी रत्न सिंह नेगी प्रमुख हैं। इनके अलावा कोटखाई थाने में संतरी रहे दो पुलिस जवानों और एक मुंशी को दिल्ली बुलाया गया। पांचों से सीबीआई द्वारा गुरुवार को कड़ी पूछताछ की सूचना है। एएसपी भजन नेगी छात्रा मामले की जांच के लिए आईजी की अध्यक्षता में बनाए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य थे। वहीं ट्रैफिक डीएसपी रत्नसिंह नेगी भी  इस केस की जांच से जुड़े थे। उधर जिन दो संतरियों को तलब किया गया वे 18 जुलाई की रात को कोटखाई थाना में ड्यूटी पर तैनात थे, जब एक आरोपी सूरज की हत्या की गई थी। इसी रात को थाने में मुंशी की ड्यूटी करने वाले जवान को भी दिल्ली तलब किया गया। सूत्रों के अनुसार कोटखाई थाने में सूरज की हत्या के बारे में 18 जुलाई की रात को तैनात संतरियों व मुंशी से कड़ी पूछताछ हुई है। आरोपी सूरज की हत्या वाली रात दिनेश के अलावा दो अन्य जवान भी संतरी के तौर पर थाने में अलग-अलग समय में तैनात थे। संतरी दिनेश ने इस हत्याकांड पर सीबीआई को अहम बयान दिए हैं, जिससे पुलिस की थ्योरी झूठी साबित हुई। पुलिस ने सूरज की हत्या का आरोप सूरज के साथी राजू के सिर मढ़ दिया था। बताया जा रहा है कि दिनेश की थाने में तीन घंटे ड्यूटी थी और इसके अलावा उस रात दो और जवान भी तीन-तीन घंटे के लिए संतरी के तौर पर तैनात थे। यही वजह है कि सीबीआई ने इन जवानों को भी तलब किया है। वहीं, तत्कालीन रात्रि मुंशी को भी तलब किया गया। मुंशी ने उस रात को रोजनामचे में रपट में डाली थी। इसके माध्यम से यह पता चला है कि हत्या वाले समय में कौन-कौन थाने में मौजूद थे और कौन बाहर गए थे। रोजनामचे में जो रपट डाली गई है, उसकी कापी पहले ही सीबीआई ले चुकी है और सूत्रों के अनुसार इसमें एक अफसर की थाने में मौजूदगी की बात सामने आ रही है। सीबीआई द्वारा छात्रा गैंगरेप व मर्डर मामले में भी अधिकारियों और जवानों से पूछताछ करने की सूचना है। सीबीआई को अभी तक जो सबूत मिले हैं, वे पुलिस की जांच से मेल नहीं खा रहे। ऐसे में इस केस में जांच करने वाले पुलिस अफसर व कर्मचारी सीबीआई के राडार पर हैं। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी को  शक है कि इस केस से संबंधित कई अहम तथ्यों को छिपाया गया है। इससे इस केस को सुलझाने में भी जांच एजेंसी को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

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