धौलरा में चंद्रघंटा देवी की पूजा-अर्चना
बिलासपुर — बिलासपुर के धौलरा मंदिर में चल रहे शरदोत्सव यानी दुर्गा पूजा उत्सव में तृतीय नवरात्र पर मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की गई। मां के इस स्वरूप में माता के मस्तक में घंटे का आकार का एक मनमोहक अर्द्धचंद्र है। इसी के कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है व गले में सफेद फूलों की माला है। इस शरदोत्सव के दौरान विभिन्न वर्गों में चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें निर्णायक मंडल की भूमिका हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक सुशील पुंडीर, रामलाल पुंडीर व आकृति ने निभाई। चित्रकला के कनिष्ठ वर्ग में जवाहर नवोदय स्कूल कोठीपुरा की अनुष्का प्रथम, जवाहर नवोदय स्कूल की हिना व ग्लोरी स्कूल के ध्रुव सोनी संयुक्त रूप से द्वितीय, जवारि नवोदय सकूल के रोहित व आर्यन पब्लिक स्कूल की प्रतिष्ठा गर्ग संयुक्त रूप से तृतीय रहीं। वहीं ग्लोरी स्कूल की महक चौथे व डीएवी की देवांशी पांचवें स्थान पर रही। वरिष्ठ वर्ग में जवाहर नवोदय स्कूल कोठीपुरा की माधवी प्रथम, सरस्वती विद्या मंदिर बिलासपुर के नवनीत द्वितीय व जवाहर नवोदय स्कूल कोठीपुरा की गुरप्रीत संयुक्त रूप से द्वितीय, धौलरा पब्लिक स्कूल के आदित्य चंदेल, कहलूर पब्लिक स्कूल के सौरभ व लोरी स्कूल के विश्रुत संयुक्त रूप से तृतीय रहे, जबकि क्रिसेंट स्कूल की आंचल ने चौथा स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को नगर के समाजसेवी सुरेंद्र पाल ने पुरस्कार भी वितरित किए। वहीं शारदोत्सव की दूसरी संध्या पर विचार प्रकटीकरण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिसमें निर्णायक मंडल में डा. जयदेव गर्ग, डा. शोभा गर्ग व अरुण डोगरा शामिल रहे। डीएवी स्कूल की सिया व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाटशाला रौड़ा की ताशी ने इंटरनेट के लाभ-हानियों व बढ़ते साइबर अपराधों पर अपने विचार रखे।
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