नई पावर पालिसी को आए छह सुझाव

By: Sep 14th, 2017 12:01 am

शिमला —  हिमाचल प्रदेश की नई तैयार हो रही पावर पालिसी के लिए ऊर्जा उत्पादकों ने लगभग आधा दर्जन सुझाव आए हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा बनाई गई अधिकारियों की कमेटी ने इस संबंध में एक बैठक कर ली है, जिसमें ऊर्जा उत्पादकों ने विस्तार से चर्चा की।  इसी महीने कमेटी की रिपोर्ट सरकार को जाएगी, ताकि तुरंत नई पावर पालिसी को लागू कर दिया जाए। क्योंकि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता भी लगनी है, अलबत्ता उसके लगने से पहले सरकार चाहती है कि संशोधन कर ऊर्जा उत्पादकों को राहत प्रदान की जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने भी गंभीरता बरतने के आदेश दे रखे हैं। आने वाले कुछ दिनों में अधिकारियों की बनाई कमेटी दोबारा से बैठक कर उनके पास आए सुझावों को अंतिम रूप देगी। सूत्रों के अनुसार हाइड्रो पावर का उत्पादन करने वाले उत्पादकों ने अपने सुझावों में साफ कहा है कि सरकार हाइड्रो पावर को भी नवीकरणीय ऊर्जा के दायरे में लाए। यानी सोलर पावर व विंड पावर के लिए दी जाने वाली रियायतें इस क्षेत्र को भी मिलें। इसके साथ जिस तरह से हाइड्रो पावर की उत्पादन लागत बढ़ रही है, वह सोलर और विंड एनर्जी से अधिक है, इसलिए इनकी कैपेसिटी को भी उनके मुताबिक ही कंसीडर किया जाए। यानी 25 मेगावाट से ऊपर के हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को भी सोलर की तरह वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएं। ऊर्जा उत्पादक चाहते हैं कि हाइड्रो पावर पर लगने वाली ट्रांसमिशन चार्जेज को समाप्त किया जाए, जो कि राज्य सरकार वसूल कर रही है। इसके विपरीत सोलर एनर्जी में ये ट्रांसमिशन चार्जिज नहीं लगते हैं। हिमाचल प्रदेश में सोलर की अपेक्षा हाइड्रो पावर ही बहुतायत में है, इसलिए इस क्षेत्र को प्रदेश में बढ़ावा दिया जा सकता है। उत्पादक यह भी चाहते हैं कि उन पर लगने वाला जीएसटी भी सोलर व विंड के समान लगे।  इसके अलावा उत्पादकों ने अधिकारियों की कमेटी को फाइनांसिंग माडल पर भी विचार करने को कहा है। हाइड्रो की सस्टेनेबिलिटी के लिए यूरोपियन कंट्री के मॉडल को अपनाने पर भी जोर दिया जा रहा है। यहां के उत्पादक उपरोक्त संशोधन पालिसी में चाहते हैं। देखना होगा कि सरकार उनको राहत देकर यहां हाइड्रो क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाती है।


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