नवरात्र में करें नवार्ण मंत्र का जाप

By: Sep 16th, 2017 12:05 am

शक्ति उपासकों में नवार्ण मंत्र को सर्वाधिक शक्तिशाली और संपूर्ण माना जाता है। इस मंत्र में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती, तीनों देवियों की शक्तियों का समन्वय हुआ है। संभवतः इसी कारण नवार्ण मंत्र का जाप करने वाले साधकों को प्रभुत्व, विद्या और लक्ष्मी सभी की प्राप्ति होती है और जीवन में एक उत्कृष्ट कोटि का संतुलन देखने को मिलता है। नवार्ण अर्थात नौ अक्षरों के इस महामंत्र में नौ ग्रहों को नियंत्रित करने की शक्ति है, जिसके माध्यम से सभी क्षेत्रों में पूर्ण सफलता प्राप्त की जा सकती है और भगवती दुर्गा का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।  यह महामंत्र शक्ति साधना में सर्वोपरि तथा सभी मंत्रों-स्तोत्रों में से एक महत्त्वपूर्ण महामंत्र है। यह भगवती दुर्गा जी के तीनों स्वरूपों के साथ माता दुर्गा के नौ रूपों का संयुक्त मंत्र है और इसी महामंत्र से नौ ग्रहों को भी शांत किया जा सकता है।

नवार्ण मंत्र

ॐ ऐं हृं क्लीं चामुंडायै विच्चे। इस मंत्र में ऐं, माता महा सरस्वती का बीज मंत्र है। हृं,माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र है और क्लीं, महाकाली का बीज मंत्र है। इसके साथ नवार्ण मंत्र के प्रथम बीज ‘ऐं’ से माता दुर्गा की प्रथम शक्ति माता शैलपुत्री की उपासना की जाती है, जिसमें सूर्य ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के द्वितीय बीज ‘हृं’ से माता दुर्गा की द्वितीय शक्ति माता ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है, जिसमें चंद्र ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के तृतीय बीज ‘क्लीं’ से माता दुर्गा की तृतीय शक्ति माता चंद्रघंटा की उपासना की जाती है, जिसमें मंगल ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के चतुर्थ बीज ‘चा’ से माता दुर्गा की चतुर्थ शक्ति माता कूष्मांडा की उपासना की जाती है, जिसमें बुध ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के पंचम बीज ‘मुं’ से माता दुर्गा की पंचम शक्ति मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है, जिसमें बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के षष्ठ बीज ‘डा’ से माता दुर्गा की षष्ठ शक्ति माता कात्यायनी की उपासना की जाती है, जिसमें शुक्र ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के सप्तम बीज ‘यै’ से माता दुर्गा की सप्तम शक्ति माता कालरात्रि की उपासना की जाती है, जिसमें शनि ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के अष्टम बीज ‘वि’ से माता दुर्गा की अष्टम शक्ति माता महागौरी की उपासना की जाती है, जिसमें राहु ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है। नवार्ण मंत्र के नवम बीज ‘चे’ से माता दुर्गा की नवम शक्ति माता सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है, जिसमें केतु ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समाई हुई है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App