पंद्रह दिन में दस की अंधेरी दुनिया रोशन

By: Sep 9th, 2017 12:01 am

शिमला  —  जीतेजी तो हर कोई किसी की मदद को तैयार हो जाता है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो मरने पर भी किसी के काम आते हैं। आईजीएमसी में नेत्रदान पखवाड़े के दौरान कुछ लोगों ने ऐसी ही मिसाल पेश की। ये लोग खुद तो दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन जाते-जाते दूसरों की जिंदगी रोशन कर गए। आईजीएमसी में 25 सितंबर से शुरू हुआ नेत्रदान पखवाड़ा शुक्रवार को समाप्त हो गया। इन 15 दिनों तक आईजीएमसी के आईबैंक में आठ लोगों ने आंखें दान कीं। चिकित्सकों ने इस दौरान आठ दृष्टिहीनों की आंखों के सफल आपरेशन किए और अब वह इस खूबसूरत दुनिया को देख सकते हैं। इसमें आईजीएमसी के चिकित्सकों और अन्य स्टाफ ने योगदान दिया। आईजीएमसी के नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी उम्र का व्यक्ति चाहे महिला हो या पुरुष, नेत्रदान कर सकता है। अगर किसी को चश्मा लगा हो या उसे लैंस लगा हो, तो भी वह व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है।


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