बैंकों को 3800 करोड़ घाटा

By: Sep 29th, 2017 12:08 am

नोटबंदी के बाद बदले पेमेंट सिस्टम पर एसबीआई की रिपोर्ट

NEWSमुंबई— नोटबंदी के बाद बैंकों के पेमेंट सिस्टम में किए गए बदलावों से बैंकों को 3800 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। यह खुलासा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में हुआ है। नोटबंदी के बाद कैशलैस सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए खरीदी गई पीओएस मशीनों की ही बात करें तो यह पिछले साल जनवरी में 13.8 लाख थीं और इस साल जुलाई तक इनकी संख्या 28 लाख हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक भले ही डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शंस बढ़े हों, लेकिन कम एमडीआर, कार्ड का कम इस्तेमाल, कमजोर टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कारणों से बैंकों को भारी घाटा हुआ है। इस रिपोर्ट को एसबीआई ग्रुप की चीफ इकॉनोमिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष ने तैयार किया है। उन्होंने बताया कि हमारा मानना है कि बैंकों द्वारा डिवेलप किए गए प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरे मन से सपार्ट करना होगा। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने पीओएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं और बैंकों ने भी अधिक से अधिक पीओएस मशीनों को इंस्टाल किया है, लेकिन लंबे समय की बात करें तो उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब पीओएस से होने वाले ट्रांजेक्शंस एटीएम को पीछे छोड़ देंगे, जो अभी मुश्किल लगता है। एसबीआई के अनुमानों के मुताबिक इंटर बैंक ट्रांजेक्शंस से पीओएस टर्मिनल्स पर 4700 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। इसमें से अगर एक ही बैंक में किए गए पीओएस ट्रांजेक्शंस को घटा दें तो यह कुल घाटा 3800 करोड़ रुपए हुआ।

इंडिया रेटिंग्स ने घटाया विकास का अनुमान

नई दिल्ली — इंडिया रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। पहले उसने वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि नोटबंदी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद अर्थव्यवस्था में जो अड़चनें आई हैं, उनकी वजह से वृद्धि दर के अनुमान को कम किया।


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