ब्रिक्स में आतंक पर बात नहीं

By: Sep 1st, 2017 12:04 am

चीन ने पाकिस्तान को बताया दहशत से लड़ने वाला देश; कहा, डोकलाम क्षेत्र में बढ़ाई जाएगी गश्त

NEWSपेइचिंग— डोकलाम विवाद खत्म होने के बाद भी चीन के रवैये में बदलाव आता नजर नहीं आ रहा है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सीमा पर पैट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी और सैनिकों की तैनाती को भी वह समायोजित करेगा। इसके अलावा चीन के विदेश मंत्रालय ने आतंकवादियों के लिए स्वर्ग बन चुके पाकिस्तान की सराहना करते हुए कहा है कि ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद पर चर्चा नहीं होगी। चीन ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता पर ब्रिक्स सम्मेलन में चर्चा नहीं होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान ने आगे बढ़कर कोशिश की है और इसके लिए बलिदान भी दिए हैं। हुआ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के योगदान और उसके बलिदानों को मान्यता देनी चाहिए। पाकिस्तान की आतंकरोधी गतिविधियों को लेकर कुछ चिंताएं हैं, लेकिन ब्रिक्स सम्मेलन में चर्चा के लिए यह उचित मुद्दा नहीं है। गौरतलब है कि सिक्किम सेक्टर में सीमा पर दो महीने तक तनातनी के बाद दोनों देश अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुए हैं। रक्षामंत्रालय के प्रवक्ता रेन जियोकिंग ने कहा कि चीनी सेना अपने लक्ष्य और दायित्वों को अंजाम देती रहेगी। डोकलाम इलाके में चौकियों व पैट्रोलिंग को मजबूत किया जाएगा और राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की दृढ़ता से रक्षा की जाएगी। रेन ने कहा कि जमीन पर स्थिति में बदलाव को देखते हुए चाइनीज सीमा बल तैनाती को पुनर्नियोजित करेगा। भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध का अंत ब्रिक्स बैठक से करीब एक सप्ताह पहले हुआ है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका के इस अहम सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन जा रहे हैं।

भारत-ड्रैगन के रिश्तों में अब भी खटास!

नई दिल्ली — लगभग तीन महीने चले डोकलाम विवाद को भारत और चीन की सरकारों ने बातचीत के जरिए टाला दिया है। दोनों देश सीमा से अपनी सेना वापस बुलाने पर सहमत हो गए, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि पेइचिंग और नई दिल्ली के बीच पाकिस्तान, आतंकवाद, सुरक्षा परिषद और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता जैसे अभी भी कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर दोनों देशों के रिश्तों में मिठास नहीं आ सकती और आगे भी टकराव जारी रहने की आशंका है। असम में डॉन बॉस्को यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीपर्णा पाठक कहती हैं कि भले ही डोकलाम विवाद खत्म हो गया हो, लेकिन चीन इस दौरान भी भारत को आक्रामक छवि वाले देश के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहा है। सोनीपत के जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के डीन श्रीराम चौलिया ने बताया कि दोनों देशों की सेनाएं एक ही सीमा पर तैनात हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के अलावा दोनों ही देश अफ्रीका और लैटिन अमरीका में भी विकासशील देशों के अगुआ की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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