सफाई कर्मियों की मौत के बाद कानून में बदलाव पर विचार कर रहा केंद्र
नई दिल्ली — शहर में हाल में हुई सफाई कर्मियों की मौत के मामलों से केंद्र सरकार ने चिंता जताई है। केंद्र सरकारी ने कहा कि वह सिर पर मैला ढोने पर प्रतिबंध लगाने वाले अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रहा है, जिससे ठेकेदारों या निजी व्यक्तियों, जो सीवर की सफाई के काम में जुड़े हैं, उन्हें ऐसी मौतों के लिए जवाबदेह बनाया जा सके और पीडि़तों को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है और यहां दि प्रोहिबिशन ऑफ इंप्लायमेंट एडं मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड देयर रिहेबलिटेशन एक्ट, 2013 को लागू कराने से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए हुई परामर्श बैठक में यह एजेंडा का हिस्सा था। सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि हम सीवर और सेप्टिक टैंक से जुड़ी मौत के मामलों और पीडि़त के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे के संदर्भ में इस अधिनियम को ठेकेदारों और निजी व्यक्तियों की जिम्मेदारी के लिहाज से और मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। बैठक में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले और जी लता कृष्णा भी मौजूद थीं।
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