चंबाघाट-करोल का रोप-वे फाइलों में

By: Oct 30th, 2017 12:01 am

2005-06 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ था शिलान्यास, अब तो पट्टिका  गायब

सोलन – चंबाघाट से करोल के लिए रोप-वे बनाए जाने की योजना सरकारी फाइलों में दफन हो गई। वर्ष 2005-06 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रोप-वे का शिलान्यास भी कर दिया था। अब इस स्थान पर न तो शिलान्यास पट्टिका है और न ही योजना की फाइल का किसी को पता है। कई सरकारें आकर चली गईं, लेकिन सोलन के विकास से जुड़ी यह योजना आज तक नेताओं की प्राथमिकता में शामिल नहीं हो पाई। जानकारी के अनुसार सोलन शहर के साथ लगता करोल पर्वत  पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। करोल के ऊपर समतल मैदान का दृश्य स्विटजरलैंड से कम नहीं है। इस पहाड़ी पट्टी को गोल्फ मैदान के रूप में भी आसानी से विकसित किया जा सकता है। करोल पर्वत की खास बात यह है कि इसके ऊपर एक प्राचीन गुफा है। बताया जाता है कि इस गुफा का निर्माण पांडव काल में किया गया था। गुफा की लंबाई कई किलोमीटर बताई जाती है। इस गुफा को देखने के लिए न केवल देश भर से, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक यहां पर आते हैं। ऊंचाई अधिक होने की वजह से करोल पर्वत पर वर्ष में तीन से चार माह तक बर्फ भी जमी रहती है।  करोल पर्वत की विडंबना यह रही है कि यहां तक जाने के लिए न तो सड़क की सुविधा है और न ही रोप-वे की सुविधा सरकार मुहैया करवा पाई है। चंबाघाट से पैदल करोल पर्वत तक का सफर करीब पांच-सात किलोमीटर है।

योजना सिरे चढ़ी तो बढ़ेंगे सैलानी

चंबाघाट से करोल के लिए रोप-वे बनता है, तो यह पर्यटकों की संख्या में कई गुना का इजाफा हो सकता है। करोल पर्वत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है। सरकार की आय में भी करोड़ों रुपए का इजाफा इस रोप-वे के बनने से हो सकता है। इसके आलावा करोल व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को भी यातायात की सुविधा मिल सकती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App