छोटे कारोबारियों को राहत

By: Oct 7th, 2017 12:08 am

रिटर्न दाखिल करने को अब मिलेंगे तीन महीने, ज्वेलर्स भी किए खुश

NEWSनई दिल्ली— जीएसटी परिषद की बैठक में शुक्रवार को छोटे कारोबारियों और ज्वेलर्स को राहत दी गई है। जीएसटी परिषद ने डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर महीने रिटर्न दाखिल करने से छूट दे दी है। अब कारोबारियों को तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करना होगा। इसके अलावा एक और बड़ा फैसला लेते हुए रत्न और गहनों को जीएसटी नोटिफिकेशन के दायरे से बाहर कर दिया गया है। अब इसके लिए नया नोटिफिकेशन लाया जाएगा। जीएसटी में तकनीकी समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाए गए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) के मुखिया सुशील मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी है। बैठक खत्म होने के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर बताया कि कंपाउंडिंग स्कीम के तहत भी 75 लाख टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है। ऐसे कारोबारी तीन महीने पर कुल बिक्री का एक फीसदी टैक्स जमाकर विवरण दाखिल कर सकेंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगवाई वाली काउंसिल ने शुक्रवार को जीएसटी में कई अहम बदलाव किए हैं। अरुण जेटली ने कहा कि ज्वेलरी कारोबार को मनी लांड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के दायरे से बाहर कर दिया गया है। अब दो लाख रुपए तक के गहने खरीदने पर पैन देना जरूरी नहीं होगा। पहले 50 हजार रुपए से ज्यादा की खरीदारी पर पैन देना अनिवार्य था। एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर और एसी चार्ज वाले रेस्टोरेंट जो 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आते हैं, को अब पांच प्रतिशत टैक्स ही देना होगा। आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 की जगह पांच फीसदी की गई है। स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत, प्लेन चपाती पर 12 से पांच प्रतिशत तथा किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से पांच प्रतिशत किया गया है। अनब्रांडेड नमकीन पर पांच प्रतिशत जीएसटी की दर लागू होगी। यही दर अनब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी होगी। डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से पांच प्रतिशत कर दिया गया है। सबसे बड़ी राहत यह है कि अब एक ही फॉर्म से जीएसटी फाइल किया जा सकेगा। साथ ही रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म को मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है।

हो गया सस्ता

एसी रेस्तरां में खाना, आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाएं, कपड़े, स्टेशनरी, हाथ से बने धागे, किड्स फूड पैकेट, अनब्रांडेड नमकीन व दवाएं, डीजल इंजन के पार्ट्स, दरी (कारपेट)।


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