दिवाली पर मिठाई खरीदने से पहले…जरा सोचो

By: Oct 10th, 2017 12:05 am

बिलासपुर  —  दिवाली का माहौल हो और मिठाई का जिक्र न हो, ऐसा कभी हो सकता है। जी हां हम बात कर रहें दिवाली के त्योहार पर बिकने वाली रंग-बिरंगी मिठाइयों की, जिसमें दुकानदारों द्वारा दुकानों में मिठाइयां बनाना व स्टाल इत्यादि लगना शुरू हो गए हैं, परंतु अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या इन मिठाइयां की गुणवत्ता जांचने के लिए कोई फूड एंड सेफ्टी अफसर  है भी कि नहीं। वहीं अगर हम बात बिलासपुर क्षेत्र की करें तो यहां पर एक भी फूड एंड सेफ्टी अधिकारी कई सालों से नहीं है, जिस कारण यहां पर सरेआम दुकानों में रंग-बिरंगी मिठाइयां दुकानदारों द्वारा बिना किसी डर से बेची जाती हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिवाली सीजन को लेकर कोई न कोईं डेपुटेशन के लिए किसी की ड्यूटी लगा देंगे, परंतु फिर एक डेपुटेशन पर आया अधिकारी कहां-कहां पर इन मिठाइयां की जांच-पड़ताल करेगा यह कहना मुश्किल है। गौर हो कि दिवाली सीजन में मिठाई बनाने व बेचने के लिए स्वास्थ्य विभाग दुकानदारों को लाइसेंस बनाना अनिवार्य करता है, परंतु बिलासपुर शहर में कई ऐसे दुकानदार भी हैं ,जो बिना  लाइसेंस से ही मिठाई बेच रहे हैं, जिसकी न तो स्वास्थ्य विभाग को परवाह है और न ही मिठाई बेच रहे दुकानदारों को किसी का भय। इस तरह दुकानदारों द्वारा बिना लाइसेंस के सरेआम मिठाइयां बेची जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां पर एक बार भी दुकानों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। इस तरह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते विभागीय अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।   गौर हो कि कुछ साल पहले ऊना में रंग-बिरंगी मिठाइयां बेचने के चलते कई दर्जन लोग बीमार पड़ गए थे, जिसकी सबसे बड़ी लापरवाही स्वास्थ्य विभाग की पाई गई थी। इसी तरह रंग-बिरंगी मिठाइयां भी बिकना शुरू हो गई हैं, परंतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दुकानों का एक बार भी निरीक्षण नहीं किया जा रहा है।

बिना लाइसेंस बेचने वालों पर कार्रवाई

डेजीगनेंटिड अधिकारी सविता ठाकुर ने बताया कि  फूड सेफ्टी स्टेंडर्ड एक्ट के तहत अगर कोई दुकानदार बिना लाइसेंस से मिठाई बेचता पकड़ा जाता है तो उसे इस उक्त के तहत छह माह की कैद या जुर्माना भी हो सकता है।


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