धीरा बना उपमंडल भवारना उपतहसील

By: Oct 14th, 2017 12:10 am

पालमपुर —  प्रदेश में सबसे अधिक वोटरों वाले विधानसभा क्षेत्र की जनता ने पिछले चुनावों में कांग्रेस के जगजीवन पाल को अगवाई का जिम्मा सौंपा था। दूसरी बार विधायक बने जगजीवन पाल मुख्यमंत्री से अपनी नजदीकियों और सुलाह विधानसभा क्षेत्र के रुतबे के चलते मुख्य संसदीय सचिव बने। अपने ओहदे और मुख्यमंत्री से करीबी के चलते जगजीवन पाल सुलाह के लिए काफी कुछ करवाने में कामयाब हुए, लेकिन ऐसे भी मसले रहे जो पांच साल में जस के तस खड़े रहे। कुछ ऐसे भी काम हुए जिससे एक क्षेत्र के लोग तो खुश दिखे, लेकिन दूसरे क्षेत्र के लोगों ने नाराजगी जाहिर की। सुलाह विस क्षेत्र को धीरा में उपमंडल कार्यालय का तोहफा मिला, जिसने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं, यहीं पर तहसील की स्थापना विवादों में घिरी रही और थुरल क्षेत्र की पंचायतों के लोगों ने इसका विरोध जताया। लंबे समय से भवारना की जनता की उपतहसील की मांग भी पूरी कर दी गई और कुछ स्कूलों का दर्जा भी बढ़ाया गया। क्षेत्र में नए पुलों व कुछ अच्छी सड़कों का निर्माण तो हुआ, लेकिन भवारना व साथ लगते क्षेत्रों में टूटी-फूटी सड़कों का दंश लोगों को झेलना पड़ा। भवारना में तो हालात ये बने कि सड़कें गड्डों में तबदील हो गईं और गर्मी के साथ जनता को धूल के गुबार भी सहने पड़े। आलम यह रहा कि लोगों को सड़क की हालत सुधारने को लेकर ज्ञापन तक सौंपने पड़े। उधर, सुलाह के खरौठ क्षेत्र में लाखों की लागत से बना भवन भी अपनी वीरानगी दूर किए जाने की राह ताकता है। इस स्थान पर पूर्व भाजपा सरकार के समय बतरा कालेज को शिफ्ट किया गया था। कांग्रेस सरकार आने पर कालेज को वापस पालमपुर शिफ्ट कर दिया गया था और यहां का भवन खाली हो गया था। लगभग खंडहर में बदलते जा रहे इस भवन में आईटीआई खोले जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन वह भी सिरे नहीं चढ़ सकी। इस कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में नशे के खिलाफ  छेड़े गए अभियान को लेकर विधायक सुर्खियों में रहे, तो यातायात नियमों का पालन करवाने को लेकर छेड़ी गई जागरूकता मुहिम भी चर्चा में रही।


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