नकल करवाने वालों की खैर नहीं

By: Oct 6th, 2017 12:05 am

हरियाणा शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने स्कूलों को दी कड़ी चेतावनी

चंडीगढ़ —  हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मासिक परीक्षा को मात्र औपचारिकता समझने तथा नकल करवाने वाले अध्यापकों व स्कूल मुखियाओं की अब खैर नहीं। विद्यार्थियों को नकल करवाकर अपने स्कूल का परीक्षा परिणाम अच्छा दिखाने की कोशिश करने वाले स्कूल मुखिया अगर औचक निरीक्षण के दौरान पकडे़ गए, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग में सयुंक्त सचिव विरेंद्र सिंह सहरावत ने बताया कि स्कूलों मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक क्षमता का आकलन करने का मासिक परीक्षा एक महत्त्वपूर्ण साधन है। जब तक यह आकलन पूरी ईमानदारी व निष्पक्षता से नहीं किया जाता, तब तक यह पता नहीं चल पाता कि विद्यार्थी ने अध्यापक द्वारा पढ़ाया गया कितना सीखा है। उन्होंने बताया कि विभाग के मुख्यालय में कुछ ऐसी सूचनाएं अथवा शिकायतें मिली कि कई अध्यापकों या स्कूल मुखियाओं ने मासिक परीक्षा को मात्र ढकोंसला बना दिया है और इन परीक्षाओं में विद्यार्थियों को खूब नकल करने की छूट देकर मर्यादाएं भंग कर दी हैं। श्री सहरावत ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने इन परीक्षाओं को मजाक समझने वाले अध्यापकों के खिलाफ  कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं की योजना तथा निष्पक्षता के साथ परीक्षा संचालित करवाने की जिम्मेदारी स्कूल मुखिया की होती है। परीक्षा के दौरान स्कूल मुखिया का मौके पर उपस्थित रहना आवश्यक है।

परीक्षा के बाद भी निरीक्षण

विभाग ने मासिक परीक्षाओं की उत्तर-पुस्तिकाओं को सहेज कर रखने के पहले ही आदेश दिए हुए हैं। परीक्षा के बाद भी अगर कोई निरीक्षक स्कूल का औचक निरीक्षण करने आता है और किसी विद्यार्थी की उत्तर-पुस्तिका की जांच करता है तो शक होने पर वह उस विद्यार्थी से प्रश्न पूछ सकता है। उत्तर-पुस्तिका में लिखे गए प्रश्न के उत्तर से अगर विद्यार्थी ने 20 प्रतिशत तक कम बताया तो कोई बात नहीं, परंतु इससे अधिक गलत या कम उत्तर देने पर उस पेपर में जालसाजी के लिए संबंधित सब्जेक्ट का अध्यापक जिम्मेवार होगा।


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