नोटबंदी के बजाय छोड़ देता कुर्सी

By: Oct 29th, 2017 12:08 am

राजकोट— वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। अगर नोटबंदी के फैसले को लागू करने के समय वह वित्त मंत्री रहे होते तो इसे लागू करने की बजाय उन्होंने इस्तीफा दे दिया होता। श्री चिदंबरम हेमू गढवी हाल में व्यापारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर वह वित्त मंत्री होते और प्रधानमंत्री ने उन्हें नोटबंदी लागू करने को कहते तो वह खुद ही इस्तीफा दे देते। श्री चिदंबरम ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था 2004 से 2009 के बीच 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी, पर 2014 से इसमें भारी गिरावट है। वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते हैं कि अर्थव्यवस्था के बडे़ घटक मजबूत हैं, पर अगर ऐसा है तो छह लाख करोड़ के भारतमाला कार्यक्रम और बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की जरूरत क्यों पड़ रही है। असल में देश में मंदी नोटबंदी के चलते है। नोटबंदी से कोई कालाधन नहीं पकड़ा जा सका है। इसने छोटे और मझोले उद्योगों को ध्वस्त कर दिया है, इसीलिए रोजगार के नए अवसर पैदा नहीं हो पा रहे हैं। देश अभी नोटबंदी की मंदी से उबरा भी नहीं था कि सरकार ने ‘महान’ जीएसटी थोप दिया। अनेक दर वाली इस प्रणाली को कुछ भी कहा जा सकता है, पर जीएसटी नहीं। इसमें 18 प्रतिशत से अधिक कर दर होना ही नहीं चाहिए। जीएसटी बुरा नहीं है, पर इससे जुड़ा जो कानून बनाया गया है, वह बुरा है। देश में अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.7 प्रतिशत से नीचे नहीं जानी चाहिए। श्री चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी कानून के चलते यह कर प्रणाली गब्बर सिंह टैक्स बन गई, जबकि कांग्रेस के समय में लाए गए वैट का कोई विरोध नहीं हुआ था, क्योंकि इसे बनाने के लिए कड़ी मेहनत की गई थी।


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