पहले बीज का इलाज करें, फिर करें बिजाई

By: Oct 31st, 2017 12:05 am

मंडी  —  कृषि विभाग ने गेहूं की बिजाई से पूर्व विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए कमर कस ली  है, ताकि जिला में गेहूं की बंपर फसल की पैदावार हो सके। इसके चलते विभाग ने किसानों को बिजाई से पूर्व कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी है। बता दें कि मंडी जिला के विभिन्न क्षेत्रों में गेहूं की फसल की बिजाई का कार्य शुरू हो चुका है। वहीं मंडी जिला में करीब 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी की फसल की बिजाई की जाती है। इसमें गेहूं की फसल में कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो बीज जनित होती हैं। जैसे खुली कंगियारी, किसानों ने अकसर देखा होगा कि गेहूं के खेत में कुछ बालियां काले रंग की होती हैं और उनमें से काले रंग का पाउडर जैसा पदार्थ होता है। असल में यही रोग खुली कंगियारी होता है। इस रोग से प्रभावित पौधे काली बालियां पैदा करते हैं, जिनमें फफूंद के बीजाणु पाए जाते हैं। बाद में काले बिजाणु हवा से उड़ जाते हैं और केवल फूल वाली डाली रह जाती है। इसके चलते  कृषि विभाग ने बिजाई के दौरान ही फसलों को रोगों से बचाने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बारे में कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक रूप लाल चौहान का कहना है कि किसान अनुमोदित किस्में ही अपने खेतों में लगाएं और फसलों के बीजों का बिजाई से पहले उपचार करें।  यह दवाई कृषि विक्रय केंद्रों में है।


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