पीएचडी गाइड बनने की मंजूरी

By: Oct 4th, 2017 12:07 am

NEWSशिमला –हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से कालेज शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनने की मंजूरी यूजीसी के नियमों पर देने के बाद  इसके आधार पर विवि आर्डिनेंस में  संशोधन कर दिया गया है। इस संशोधित आर्डिनेंस को बुधवार को विवि की कार्यकारिणी परिषद ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। ईसी की मंजूरी इस मामले पर मिलने के बाद अब कालेज शिक्षक भी छात्रों को पीएचडी करवा सकेंगे। यूजीसी द्वारा तय नियमों को जो कालेज शिक्षक पूरा करते हैं, वे ईसी के फैसले के तहत प्रदेश में छात्रों को पीएचडी करवा सकेंगे। यूजीसी के तय नियमों में कालेज शिक्षकों को पीएचडी गाइड बनने के लिए कालेज का नियमित शिक्षक होने के साथ, पांच साल का शैक्षणिक अनुभव होना और खुद पीएचडी उपाधि प्राप्त होने के साथ ही तीन शोध पत्र प्रकाशित करना आवश्यक है। यह योग्यता रखने वाले कालेज शिक्षक ही पीएचडी गाइड बन सकेंगे। बैठक में तीन अगस्त को विवि में हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसलों पर भी मंजूरी दी गई है। इसमें सत्र 2017-18 से महाविद्यालयों में रेगुलर विद एजुकेशन पाठ्यक्रम आरंभ करने के साथ ही विवि के इक्डोल सेंटर से बी-लिब ओर स्न्नातकोतर केंद्र में एम-लिब कोर्स शुरू करने के अकादमिक काउंसिल के फैसले को अपनी मंजूरी ईसी ने प्रदान की है। बैठक में यह विवि तकनीकी स्टाफ के लिए अरपीसी के सुझावों को भी मंजूरी ईसी ने प्रदान की है। वर्ष 2017 की यह पांचवीं ईसी की बैठक विवि कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में की गई। बैठक में विवि के कुलसचिव प्रो. एसएस नारटा के साथ करसोग कालेज के प्राचार्य डा.कमल कांत, प्रो. एसएस चौहान, डा. श्यामा जोशी और अन्य सदस्य शामिल रहे।


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