प्रोजेक्ट एनओसी के लिए अब नई कमेटी

By: Oct 3rd, 2017 12:10 am

newsशिमला— प्रदेश में बिजली परियोजनाओं को एनओसी देने को सरकार ने नई कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सभी आवेदनों को उनके गुण-दोष के आधार पर पावर पालिसी के नियमों के तहत मंजूरी देगी। इसमें नए प्रावधान भी देखे जाएंगे, जिसमें सरकार ने कई रियायतें प्रदान की हैं। यह कमेटी अतिरिक्त मुख्य सचिव मत्स्य की अध्यक्षता में गठित की गई है, जो कि परियोजनाओं से जुड़े कई तरह के मसले जांचेगी। बिजली परियोजनाओं के प्रबंधकों को प्रोजेक्ट निर्माण की मंजूरी के लिए मत्स्य विभाग की इजाजत भी जरूरी है। उनसे एनओसी लेनी पड़ती है, इसलिए कमेटी का अध्यक्ष मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को रखा गया है, जिसमें दूसरे संबंधित विभागों के अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। अभी तक इस तरह की कमेटियां ऊर्जा विभाग के अधीन थीं। सरकार द्वारा बनाई गई नई कमेटी में उनके अलावा चीफ इंजीनियर पी एंड एम बिजली बोर्ड, निदेशक हिमऊर्जा, निदेशक ऊर्जा को सदस्य के रूप में रखा गया है, जबकि निदेशक मत्स्य को सदस्य सचिव बनाया गया है। सीईओ एक्वाकल्चर, फिशिंग एंड मार्केटिंग सोसायटी बिलासपुर को भी सदस्य बनाया गया है। जिन क्षेत्रों में बिजली परियोजनाएं लगती हैं, वहां पानी में मछली उत्पादन को बड़ा प्रभाव पड़ता है। सरकार ने इसके लिए विशेष प्रावधान रखे हैं और मत्स्य विभाग की एनओसी बेहद जरूरी है। अब नए सिरे से बनाई गई कमेटी के पास ही सभी आवेदन आएंगे, इससे पहले सभी मामले एक ही कमेटी देखती थी। अब मत्स्य मामलों के लिए अलग से व्यवस्था रखी गई है, जो विशेषज्ञों की राय को जानने के बाद एनओसी प्रदान करेगी। अब कमेटी से एनओसी इसी कमेटी से लेनी होगी।

सरकार ने दी हैं कई रियायतें

बिजली परियोजनाओं को सरकार ने कई तरह की रियायतें दी हैं, लेकिन तय नियमों को इन्हें पूरा करना ही होगा। कई छोटे प्रोजेक्ट यहां अलॉट किए गए हैं, जिन पर धीरे-धीरे काम भी आगे बढ़ रहा है। इनको कुछ विभागों के साथ पंचायतों से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना पड़ता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App