बिना छत किस काम की बंदरोल सब्जी मंडी
बाशिंग — मनाली-चंडीगढ़ मार्ग पर सटी जिला कुल्लू की सबसे बड़ी सब्जी मंडी बंदरोल लगातार राजनीति का शिकार होती जा रही है। हालांकि ऊझी घाटी के किसानों-बागबानों ने कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही उम्मीद जताई थी कि उन्हें स्थायी रूप से सब्जी मंडी उपलब्ध होगी, लेकिन सरकार के पांच साल भी पूरे हो गए, पर अभी तक सब्जी मंडी का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। बता दें कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पिछले वर्ष सब्जी मंडी का शिलान्यास किया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि उपज विपणन समिति को तुरंत सब्जी मंडी का कार्य शुरू करने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन सरकार का कार्यकाल पूरा हो गया, अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। गौरतलब है कि एक करोड़ 22 लाख रुपए सब्जी मंडी के लिए खर्च होने हैं। हर फल सीजन में पंजाब, यूपी, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर से व्यापारी आते हैं। हैरानी की बात यह है कि यहां शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में किसान-बागबान समेत आढ़ती शौच करने ब्यास नदी के किनारे जाते हैं। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन की पोल भी यहां पर सरेआम खुल रही है। बंदरोल सब्जी मंडी में खराहल, बंदरोल, रायसन, सेऊबाग, बबेली, कराडसू, अरछंडी, डोभी, बैंची, बागा, लरांकेलो, काईस, गाहर, जिंदौड़, भेखली, ब्यासर, शिरड़, फोजल, दवाड़ा आदि के साथ-साथ लगवैली घाटी से किसान-बागबान उत्पादन बेचने के लिए यहां लाते हैं। बहरहाल सब्जी मंडी की सौगात न मिलने से लोगों में आक्रोश देखा जा सकता है।
पूरे जिला की मंडी
सब्जी मंडी न बनने से किसानों-बागबानों में भारी रोष है। कई सालों से सब्जी मंडी को छत नसीब नहीं हो पा रही है। यह पूरे जिला कुल्लू की सब्जी मंडी है। दशकों से सब्जी मंडी अस्थायी तौर पर ही चल रही है, लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है।
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