भ्रूण हत्या-नशाखोरी के खिलाफ छेड़ी जंग
नई दिल्ली में बोले राज्यपाल आचार्य देवव्रत
शिमला – राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि सामाजिक चुनौतियों से निपटने व समाज कल्याण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। राज्यपाल शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित दो दिवसीय राज्यपाल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के तौर पर गत दो वर्षों में उन्होंने हिमाचल में छह प्रमुख बिंदुओं पर कार्य किया, जिनमें स्वच्छता, जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य, कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ मुहिम, नशामुक्ति, शून्य लागत प्राकृतिक कृषि एवं गौ-पालन और जातिवाद एवं अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए सामाजिक समरसता कायम करना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए स्वच्छता अभियान को गति दी गई तथा पौधारोपण कार्यक्रम को निरंतरता प्रदान की तथा ‘जल संरक्षण साक्षरता अभियान’ चलाकर जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक स्तर पर चैकडैम बनाने की रणनीति तैयार की गई। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ को आगे बढ़ाते हुए कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ा संदेश देकर बेटियों की शिक्षा, प्रोत्साहन और आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करने की सोच विकसित करने की पहल की गई है। ‘नशामुक्त हिमाचल’ का नारा देकर स्कूल, कालेजों और विश्वविद्यालय स्तर पर अभियान चलाए गए और जिम्मेदार एजेंसियों को नियमित अनुश्रवण के दिशा-निर्देश दिए हैं। शिमला में नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने के लिए भूमि चिन्हित की गई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शून्य लागत प्राकृतिक कृषि का विकल्प दिया गया है। गो-पालन से जुड़ी इस प्राकृतिक कृषि की विस्तृत जानकारी को लेकर उन्होंने ‘शून्य लागत प्राकृतिक कृषि’ नाम से एक पुस्तक का लेखन व प्रकाशन भी किया है, जिसे किसानों को निःशुल्क वितरित किया जा रहा है।
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