महापुरूषों से प्रेरणा लें युवा

By: Oct 11th, 2017 12:02 am

सीएम ने बाबू मूलचंद पर लिखी पुस्तक के विमोचन पर कही मन की बात

चंडीगढ़   —  महापुरूषों का जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रकाशस्तंभ की तरह मार्गदर्शक होता है इसलिए उनका जीवन, कार्यों, सिद्धांतों और आदर्शों को किसी न किसी रूप में आने वाली पीढि़यों तक पहुंचाने की परंपरा बनी रहनी चाहिए। ऐसा होने पर ही हम उनके सपनों का भारत बनाने में सफल रहेंगे। ये उद्गार हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने निवास पर महान स्वतंत्रता सेनानी व गांधीवादी नेता बाबू मूलचंद जैन के जीवन पर लिखी पुस्तक राजनीति के संत-स्वतंत्रता सेनानी बाबू मूलचंद जैन का लोकार्पण करने के बाद आपने संबोधन में व्यक्त किए। पुस्तक का लेखन बाबू मूलचंद जैन की बेटी डा. स्वतंत्र जैन ने किया है। इस अवसर पर हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष कंवर पाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, हरियाणा भाजपा के मीडिया इंचार्ज राजीव जैन के अलावा स्वर्गीय मूलचंद जैन के परिजन भी उपस्थित थे। पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर लेखिका डा. स्वतंत्र जैन और उनके परिजनों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे गर्व है कि आज मेरी कर्मभूमि करनाल है, जो बाबू मूलचंद जैन जैसे कर्मयोद्धा की कर्मभूमि भी रही है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय जैन मौलिक विचारों के व्यक्ति थे। उन्होंने आजादी के आंदोलन में और उसके बाद की राजनीति में भी कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और कभी भी गलत काम को सहन नहीं किया। वे आम आदमी की आवाज थे और सामाजिक व आर्थिक समानता के लिए आजीवन संघर्षरत रहे। इसके लिए भूदान आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसी प्रकार 1986 में न्याययुद्ध के दौरान चौ. देवीलाल और डा. मंगलसेन के साथ मिलकर उन्होंने हरियाणा की राजनीति को नई दिशा दी। आजादी के आंदोलन के दौरान 1939 में आसौदा सत्याग्रह में तो उन्हें इतना मारा गया था कि वे मरते-मरते बचे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App