मां के जयकारों के बीच खुद को न रोक पाए पर्यटक
शिमला — राजधानी शिमला के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध देवी मंदिर कालीबाड़ी में दशमी पर्व पर मंदिर में स्थापित मुर्तियों का विसर्जन किया गया। मंदिर में शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य पर मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और भगवान गणपति सहित कार्तिकेय की मूर्तियां छठे नवरात्र पर स्थापित की गई। इन मूर्तियों की स्थापना कर मंदिर में विशेष पूजा अराधना करने के लिए रोजाना सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। विसर्जन की लिए आयोजित की गई शोभा यात्रा में भी काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। यात्रा में बंगियां समुदाय के लोगों के साथ ही बाहर से आए साउथ से आए पर्यटक भी खुद को नहीं रोक पाए। शनिवार दोपहर के समय मंदिर से भव्य शोभा यात्रा मूर्ति विसर्जन के लिए निकाली गई। शोभा यात्रा से पहले मंदिर पुजारी द्वारा मां दुर्गा सहित सभी मूर्तियों की पूजा-अराधना कर विशेष आरती की गई। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु इस विशेष आरती में शामिल हुए। बंगला समुदाय लोग खास तौर पर इस दौरान पंडाल में माता रानी के दर्शनों के लिए खड़े नजर आए। पूजा-अराधना करने के बाद मंदिर में सजाए गए पंडाल से मूर्तियों को शोभा यात्रा में शामिल किया गया। इस दौरान ढोल नगाडों की थाप पर बैंड बाजे के बीच नाचते गाते हुए श्रद्धालु इस शोभा यात्रा में शामिल हुए। शोभा यात्रा कालीबाड़ी मंदिर से होते हुए तारादेवी स्थित आईटीबीपी के तालाब तक निकाली गई। वहीं, हर साल की तरह इस साल भी कालीबाड़ी मंदिर कमेटी द्वारा शारदीय नवरात्र पर मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियों का विसर्जन आईटीबीपी शोघी के तालाब में किया गया। विधिवत रूप से सभी पांच मूर्तियों का विसर्जन इस तालाब में किया गया।
सुहागिनों ने खेला सिंदूर
कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन से पहले सभी सुहागिनों ने एक दूसरे को सिंदूर लगाने की परंपरा को पूरा किया। सभी सुहागिनों ने एक दूसरे को सिंदूर लगा कर सिंदूर की होली खेली।
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