राधा-कृष्णा पब्लिक स्कूल, घुमारवीं

By: Oct 25th, 2017 12:07 am

सुनील ठाकुर

प्रिंसीपल

मार्च 2006 में स्थापित राधा-कृष्णा पब्लिक स्कूल  ने बुलंदियों को छुआ है। राधा-कृष्णा समिति द्वारा स्थापित इस स्कूल से निकले विद्यार्थियों ने हर क्षेत्र में परचम लहराया है। सर्वप्रथम इस स्कूल में 87 विद्यार्थियों ने शिक्षा के लिए प्रवेश लिया था। शुरू से ही इस स्कूल का नेतृत्व बतौर प्रधानाचार्य सुनील ठाकुर करते आ रहे हैं। राधा-कृष्णा पब्लिक स्कूल ने स्थापना के 11 वर्षों के कार्यकाल में स्कूल ने शिक्षा, खेलकूद, सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यों में अतिस्मरणीय योगदान देकर स्कूल के साथ-साथ जिला का भी नाम रोशन किया है। प्रधानाचार्य के दृढ़ निश्चय एवं कर्मठ स्टाफ  की मेहनत व लगन के कारण दिन-प्रतिदिन स्कूल की लोकप्रियता बढ़ती गई और वर्तमान में इस स्कूल में 603 विद्यार्थी नर्सरी से  जमा दो विज्ञान व अंग्रेजी के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मौजूदा समय में स्कूल में 48 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 38 अध्यापक व 10 गैर शैक्षणिक हैं। सभी शिक्षक पोस्ट ग्रेजुएट, बीएड, टेट पास व अनुभवी हैं। हर कक्षा के दो सेक्शन बनाए गए हैं, जिसमें प्रति सेक्शन 25 विद्यार्थियों को ही लिया जाता है। यहां पर 40 कमरों में बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। बायो, केमिस्ट्री, फिजिक्स, कम्प्यूटर लैब, स्पोर्ट्स रूम, योगा हाल, एक्टिविटी रूम, 2000 किताबों की आधुनिक लाइब्रेरी व एक बड़ा हाल मौजूद है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी निपुण किया जाता है। विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास रूम उपलब्ध है। समय-समय पर बच्चों के अभिभावकों की बैठक का आयोजन कर विचार-विमर्श कर बच्चों के क्रियाकलापों के बारे में अवगत करवाया जाता है। विद्यालय में होने वाली पढ़ाई से ही इस बात का अंदाजा लगया जा सकता है कि वर्ष 2013 में शिवम शर्मा ने मैट्रिक परीक्षा में पूरे प्रदेशभर में 13वां स्थान व वर्ष 2014 में शगुन शर्मा ने 11वां स्थान हासिल करके स्कूल व अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। वर्ष  2016 में हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी की गई मैरिट सूची में दसवीं कक्षा के 15 व जमा दो कक्षा के पांच बच्चों ने अपना नाम दर्ज करवाकर स्कूल की प्रमाणकिता सिद्ध की है। पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल के बच्चे खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। विद्यालय की शुरुआत से लेकर अब तक अंडर-19 वॉलीबाल में स्कूल जिला भर में प्रथम स्थान पर कायम रहा। इन वर्षों में खो-खो, कबड्डी, बैडमिंटन व एथलेक्टिस में भी  जिला भर में स्कूल अपनी उपस्थिति हर वर्ष पहले और दूसरे स्थान पर दर्ज करवाता रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्राथमिक व माध्यमिक वर्ग के बच्चों ने एकांकी व भाषण प्रतियोगिता में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2017 तक राज्य स्तर पर स्कूल का नाम रोशन किया है। बच्चों ने प्रदेश स्तर पर आयोजित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में वर्ष 2011 व 2013 में पूरे प्रदेश में प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल किया है। जिला स्तर पर साइंस कांग्रेस प्रतियोगिता में  वर्ष 2013 में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए जिलाभर में द्वितीय स्थान हासिल किया। इसी प्रतियोगिता में वर्ष 2017 में जिला स्तर पर स्कूल की साक्षी ठाकुर व कनिष्का ने दूसरा स्थान हासिल किया। भारत सरकार की ओर से 12वीं कक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वाले उच्च शिक्षा ग्रहण करने  के लिए इंस्पायर स्कॉलरशिप के रूप में बच्चों को 80 हजार रुपए प्रत्येक वर्ष दिए जाते हैं, जिससे स्कूल के तीन बच्चे रोहित शर्मा, विकास डोगरा व हिमांशु शर्मा ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाबी हासिल की है। वर्ष 2014 में हिमांशु शर्मा का चयन एमबीबीएस के लिए आईजीएमसी शिमला, वर्ष 2016 में मनीष कुमार का चयन एमबीबीएस के लिए टांडा मेडिकल कोलज व वर्ष 2016 में अंकित शर्मा ने पूरे नोर्थ इंडिया में एनसीसी कैंप में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। रजत शर्मा ने वर्ष 2016-17 में जमा दो की विज्ञान परीक्षा में प्रदेश भर में 15वां स्थान हासिल किया। रजत का चयन उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए इंस्पायर स्कॉलरशिप में 80 हजार रुपए प्रतिवर्ष के लिए हुआ है।

संख्या बढ़ाने में नहीं, अच्छी एजुकेशन देने में यकीन :

स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील ठाकुर कहना है कि वह स्कूल में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी में विश्वास नहीं रखते। अपितु बच्चों को अच्छी एजुकेशन देने में यकीन करते हैं। यही विद्यालय का ध्येय भी है। -राजकुमार सेन,घुमारवीं


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