रेगुलर जॉब के साथ मिलेंगे वित्तीय लाभ

By: Oct 4th, 2017 12:01 am

प्लेसमेंट पाने वाले प्रिंसीपल को नियमित पदोन्नति की तैयारी

शिमला  – पिछले नौ साल से प्लेसमेंट के आधार पर की जा रही प्रिंसीपल्स की तैनाती को अब नियमित करने की तैयारी है। यानी अब इन प्रिंसीपल को रेगुलर नियुक्ति और वित्तीय लाभ मिलेंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रिंसीपल के पदों के लिए जल्द ही विभाग डीपीसी कर सकता है। जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में प्रिंसीपल के पदों पर नियमितीकरण के लिए 2008 से लेकर डीपीसी नहीं हो पाई है। इसके कारण स्कूलों में प्रिंसीपल तो लगाए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो उस पद के वित्तीय लाभ मिल रहे हैं और न ही नियमित पद, जबकि प्लेसमेंट के आधार पर प्रिंसीपल का चार्ज संभालने वाले शिक्षकों को वे सभी काम करने होते हैं, जो नियमित प्रिंसीपल के अधिकार क्षेत्र में होते हैं। डीपीसी होने से करीब तीन हजार शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। अभी तक डीपीसी न होने का मुख्य कारण पिछले आठ सालों से प्रिंसीपल की प्रोमोशन का मामला कोर्ट में लंबित होना बताया जा रहा था, लेकिन अब प्रिंसीपल की डीपीसी बुलाने को कसरत शुरू हो गई है। डीपीसी न होने के कारण राज्य के स्कूलों में तैनात प्रिंसीपल को प्रोमोशन मिलने के बावजूद एडहॉक पर रिटायर होना पड़ रहा है। यानी वरिष्ठता के आधार पर शिक्षा विभाग उन्हें प्रिंसीपल तो बना रहा था, लेकिन किसी भी तरह का वित्तीय लाभ नहीं दे रहा था। वर्ष 2008 से लेकर 2017 तक लेक्चरर हैडमास्टर कैटेगरी से जितने भी प्रिंसीपल को पदोन्नत किया गया है, उन सभी को एडहॉक की श्रेणी में रखा गया है। एडहॉक पर मिलने वाला अगला पद स्थायी नहीं होता। जिन शिक्षकों को प्लेसमेंट आधार पर प्रिंसीपल बनाया गया, उन्हें फिलहाल वेतनमान दिया जा रहा है। अब सर्वोच्च न्यायालय की ओर से भूतपूर्व सैनिकों की वरिष्ठता पर सुनाए गए फैसले को इस डीपीसी के लिए आधार बनाया जा रहा है।


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