सुकेत के देवी-देवताओं को भूला प्रशासन

By: Oct 9th, 2017 12:05 am

सुंदरनगर —  सुकेत सर्व देवता कमेटी के प्रधान अभिषेक सोनी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में मंडी प्रशासन सुकेत रियासत के देवी-देवताओं का पंजीकरण करना भूल गया है। उन्होंने बताया कि सुकेत सर्व देवता कमेटी इस विषय में प्रशासन की शिकायत प्रधानमंत्री से करने जा रही है। कमेटी अब सुकेत के देवी-देवताओं के शिवरात्रि पंजीकरण मामले को हाई कोर्ट में जाने की तैयारी में है। उन्होंने बताया कि सुकेत सर्व देवता कमेटी ने कई बार उपायुक्त मंडी एवं मंडी सर्व देवता कमेटी से बातचीत की, परंतु उनके द्वारा इस विषय में कोई रुचि नहीं दिखाई गई। इस मेले को मंडी के राज परिवार द्वारा मधोराय के सम्मान में लगाया गया था। मेले का मुख्य उद्देश्य मंडी रियासत की जनता को एकत्र कर आपसी भाईचारा एवं मेल-मिलाप बढ़ाना होता था। उन दिनों मंडी और सुकेत दो रियासतें थीं। इन रियासत के राजाओं की आपस में नहीं बनती थी। उस समय राजाओं द्वारा देवताओं का एक रियासत से दूसरी रियासत में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, परंतु आजादी के बाद  दोनों रियासतों को मिलाकर मंडी जिला बनाया गया, जहां सुकेत की जनता एवं प्रशासन ने दूरियां खत्म करते हुए मंडी रियासत के देवताओं को पारंपरिक सुकेत देवता मेले में पंजीकृत किया। मंडी प्रशासन अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में  सुकेत रियासत के देवी-देवताओं का पंजीकरण नहीं किया है। शिवरात्रि मेले में दो तहसीलों सुंदरनगर और करसोग से एक भी देवता पंजीकृत नहीं है। इन दोनों तहसीलों से शिवरात्रि मेले को राजस्व लिया जाता है। इस विषय पर मंडी प्रशासन से जानकारी मांगी गई है।


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