सुहाग की सलामती को… न भूख लगेगी, न ही प्यास

By: Oct 8th, 2017 12:05 am

घुमारवीं – पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनें रविवार को भूखी-प्यासी रहकर निराहार व्रत रखेंगी। करवाचौथ का व्रत सुबह सूरज उगने से पहले से लेकर और रात को चंद्रमा निकलने तक रखा जाएगा। चांद के दीदार के लिए बिलासपुर जिला की सुहागिनों को मैदानी क्षेत्रों की महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा। बिलासपुर में रविवार को चांद नौ बजकर 25 मिनट के बाद दिखाई देगा, जबकि मैदानी क्षेत्रों में चांद लगभग सवा आठ बजे दिखाई देने लग जाएगा। उसके बाद सुहागिनें चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को खोल सकती हैं। रविवार को होने वाले व्रत के लिए सुहागिनों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। शनिवार को जिला बिलासपुर, घुमारवीं, नयनादेवी, शाहतलाई तथा भराड़ी व कुठेड़ा सहित अन्य बाजारों में सुहागिनों ने जमकर खरीददारी की, जिससे जिला मुख्यालय से लेकर गांवों की दुकानों में शनिवार को काफी रौनक देखने को मिली। दुकानों से महिलाओं ने करवा तथा सरघी सहित अन्य सामान खरीदा। इस दौरान महिलाओं ने सोलह श्रृंगार के लिए भी खरीददारी की। सुहागिनों ने शनिवार को ही हाथों में मेहंदी रचाकर व पूजन साम्रगी का सामान रखकर पूरी तैयारियां कर ली हैं। विदित रहे कि यह करवाचौथ का व्रत जिलाबिलासपुर में सुहागिनें हर्षोल्लास से मनाती है। पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले इस व्रत में सुहागिनें सारा दिन बिना अन्न, जल ग्रहण किये इसका पालना करती हैं। इस दिन महिलाएं सिर्फ  पति की लंबी आयु की ही नहीं, बल्कि उनके काम-धंधे व धन सहित अन्य इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना भी करती हैं। इस बारे में ज्योतिषि बिलासपुर कृष्ण शुक्ला ने कहा कि पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिनें बिना अन्न-जल ग्रहण करके रविवार को करवाचौथ का व्रत रखेंगी। व्रत के लिए शाम के पांच बजे से लेकर साढ़े छह बजे तक पूजा का समय शुभ है। मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा पहाड़ी जिले बिलासपुर में चांद का दीदार देरी से होगा। मैदानी क्षेत्रों में जहां सवा आठ बजे चांद दिखाई देना शुरू हो जाएगा, वहीं बिलासपुर में 9.25 मिनट के बाद ही चांद ही दिखाई देगा।

पांच से साढ़े छह बजे तक करें पूजा

करवाचौथ पर इस बार महिलाओं को पूजा के लिए सिर्फ  डेढ़ घंटे का समय ही मिलेगा। महिलाएं रविवार को पांच बजे से लेकर साढ़े छह बजे तक पूजा-पाठ कर सकेंगी। इस साल व्रत में उच्च राशि वृष का चंद्रमा पड़ने के कारण पुण्य का योग बन रहा है।

चांद, करवा व छननी का विशेष महत्त्व

करवाचौथ के व्रत में चांद, छननी और करवा का विशेष महत्त्व होता है। महिलाएं शाम को छननी से चांद के दर्शन करने के बाद अपने पति की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App