आईजीएमसी पैदल जाना…खतरे से खाली नहीं

By: Nov 27th, 2017 12:07 am

शिमला – रिज से आईजीएमसी तक पहुंचने वाले मार्ग को इन दिनों चौड़ा करके वहां पैडेस्ट्रियन पाथ का निर्माण कार्य हो रहा है। जानने योग्य यह है कि इस मार्ग पर हजारों लोग रोजाना पैदल आवागमन करते हैं। वहीं, वाहन भी यहां से गुजरते हैं। इस काम को शुरू हुए काफी समय हो चला है, जोकि पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए जगह-जगह पर सड़क के किनारों में खुदाई की गई है, जहां से लोहे के एंगल डाले गए हैं। ताकि मार्ग को चौड़ा कर वहां पैडेस्ट्रियन पाथ बनाया जाए। इस पर लोहे की पट्टी लगाई जा रही है, ताकि लोग यहां से सुरक्षित पैदल आवागमन कर सकें, लेकिन इससे पहले जो गड्ढे यहां पर किए गए हैं वे आम जनता के लिए खतरा बने हुए हैं। खुदाई कर जो गड्ढे किए गए हैं,  उनमें कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है कि किसी का पांव ना जाए। खासकर अंधेरे में तो यहां किसी का भी पांव उसमें जा सकता है, जिससे कोई हादसा होने की पूरी आशंका है। राह चलते लोगों को इससे खासी परेशानी तब होती है, जब यहां से वाहन गुजरते हैं। वाहनों के आने के समय लोग किनारे पर चलने को मजबूर होते हैं और उस दौरान किनारे में की गई खुदाई में कभी भी पांव जा सकता है। इस तरह से मार्ग को चौड़ा करने का काम लोगों के लिए खतरनाक बना हुआ है। आईजीएमसी की तरफ रोजाना हजारों लोग जाते हैं। लोगों का मानना है कि जब तक इस मार्ग का काम चल रहा है तब तक यहां पर पहले तो वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद किया जाए वहीं गड्ढों से आगे वैकल्पिक रूप से  लोहे की रेलिंग ऐसे लगे, जिससे उस तरफ लोगों के कदम आगे न बढ़ सकें। इससे लोगों को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं रहेगा और काम भी आराम से चल सकेगा। लोगों का कहना है कि बर्फबारी से पहले इस काम को निपटा दिया जाना चाहिए क्योंकि उस दौरान यह रास्ता वैसे ही अधिक रिस्की रहता है। इस पर यहां चल रहे काम से अधिक दिक्कत पेश आएगी।  आने वाले दिनों में कभी भी बर्फबारी हो सकती है और उससे पहले यह मार्ग चौड़ा हो जाए तो इससे अधिक लाभ मिलेगा।


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