आईसीजे में नागेंद्र थे भारत के पहले जज

By: Nov 22nd, 2017 12:02 am

आईसीजे में भारत की ओर से जस्टिस दलवीर भंडारी को दोबारा चुना जाना देश के लिए गर्व की बात है। आईसीजे में वह भारत के चौथे जज हैं। उनके अलावा महाराज नागेंद्र सिंह, बीएन राव और आरएस पाठक भारत की ओर से इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज के तौर पर अपनी सेवा दे चुके हैं। इन चार जजों में नागेंद्र सिंह को भारत की ओर से आईसीजे का पहला जज होने का गौरव हासिल है। नागेंद्र सिंह का जन्म 18 मार्च, 1914 को डुंगरपुर, राजस्थान के राजपुत सिसोदिया राज परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सर विजय सिंह और माता का नाम महारानी देवेंद्र कुंवर साहिबा था। उन्होंने सेंट जान्स कालेज, कैंब्रिज से शिक्षा हासिल की, जिसके बाद इंडियन सिविल सर्विस को ज्वाइंन किया। उन्होंने तत्कालीन ईस्टर्न स्टेट्स के रीजनल कमिश्नर, भारत के रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव, परिवहन महानिदेशक एवं सूचना और प्रसारण मंत्रालय में विशेष सचिव के तौर पर अपनी सेवा प्रदान की थी। 1966 से 1972 तक सिंह भारत के राष्ट्रपति के सचिव थे। उसके बाद पहली अक्तूबर, 1972 से छह फरवरी, 1973 तक भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे। 1966, 1969 और 1975 में उनको संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। 1967 से 1972 तक यूनाइटेड नेशंस के इंटरनेशनल लॉ कमिशन में अपनी सेवा प्रदान की। उनको इंटरनेशल बार एसोसिएशन का सचिव भी निर्वाचित किया गया था। 1973 में वह इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज बन गए और फरवरी 1985 से फरवरी 1988 तक इसके अध्यक्ष रहे। दिसंबर 1988 में हेग में उनका निधन हो गया।


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