आउटसोर्स कर्मियों के लिए पालिसी नहीं

By: Nov 22nd, 2017 12:02 am

बार-बार गुहार लगाने के बाद भी प्रदेश सरकार ने नहीं सुनी पुकार

 मंडी— प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों व बोर्ड में सेवारत आउटसोर्स कर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। आउटसोर्स कर्मचारी बीते कुछ वर्षों से प्रदेश सरकार से स्थायी नीति बनाने की गुहार लगा रहे रहे हैं, लेकिन आश्वासनों के सिवाय उन्हें कुछ हाथ नहीं लग पाया है। इस वर्ग के कर्मचारियों को मासिक 5500 से 9000 रुपए मासिक वेतन मिल रहा है। इससे कर्मचारियों को गुजारा करना काफी मुश्किल हो गया है। इस बाबत प्रदेश आउट सोर्स कर्मचारी महासंघ से रोष व्यक्त किया है। आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष  यूनुस अख्तर व जिला के प्रधान कमलेश ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश के हजारों आउटसोर्स कर्मचारी बीते कई वर्षों से विभिन्न विभागों, निगमों, बोर्डों में कार्यरत हैं, लेकिन आज तक उनके लिए कोई स्थायी नीति नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के वेतन के संबंध में प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना भी जारी की थी। इसके अनुसार सरकारी विभागों में नियुक्त इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा निर्धारित वेतन दिया जाएगा, लेकिन आज तक किसी भी विभाग ने इस अधिसूचना को लागू नहीं किया। इस कारण कर्मचारियों के वेतन में बीते पांच वर्ष में एक प्रतिशत भी वृद्धि नहीं हुई है।

दो महीने से नहीं मिली पेंशन

मंडी – प्रदेश सरकार द्वारा एचआरटीसी पेंशन के ट्रस्ट में धन की अदायगी न करने पर हिमाचल पेंशनर कल्याण संघ ने रोष प्रकट किया है। संघ ने सितंबर और अक्तूबर माह की पेंशन की अदायगी न करने पर एचआरटीसी प्रबंधन की नाकामी पर विरोध जताया है। इस बाबत हिमाचल पेंशनर कल्याण संघ के एचआरटीसी की मासिक बैठक मंडी में संरक्षक संतोख सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि शीघ्र ही एचआरटीसी पेंशनरों को पेंशन दिलवाएं। इसके साथ ही पेंशनरों के देय भत्ते, जो 2015 से नहीं मिल रहे हैं, उन्हें भी शीघ्र जारी करवाया जाए। उन्होंने बताया कि महंगाई के दौरान में पेंशनरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस अवसर पर सुरेश चंद , टेक चंद, बृज लाल, भूप सिंह, सरदार मोहन सिंह, हेम सिंह, सोम लाल व काशी राम आदि उपस्थित रहे।

 


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