इरादा मजबूत… हम नहीं डालेंगे वोट
संधोल — जहां प्रदेश भर में चुनाव आयोग लोगों को वोट देने के प्रति जागरूक कर रहा, वहीं संधोल क्षेत्र के अधिकतर मतदाता मतदान नहीं करेंगे। क्षेत्र में विभिन्न संगठनों को मिलाकर बनाई चुनाव बहिष्कार समिति लोगों को अब वोट न देने के लिए जागरूक कर रही है। क्षेत्र की लगातार हो रही उपेक्षा व खस्ताहाल सड़कें ऊपर से नेताओं के विकास के झूठे दावों से तंग आकर लोगों ने इस बार वोट न देने का मन बनाया है। छह माह पहले से ही दर्जनों गांवों ने चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन जैसे जैसे राजनीतिक गतिविधियां तेज होने लगीं, वैसे ही सप्ताह भर पहले एक होकर चुनाव बहिष्कार समिति का गठन किया गया। इन्होंने बैठक कर लोगों से वोट न करने की अपील भी की थी और रविवार को सराय भवन में इकट्ठा हुए हुजूम ने साबित कर दिया कि सच में ज्यादातर लोग अब वोट न करने के मूड हैं। समिति के अध्यक्ष मान सिंह ने कहा कि हजारों लोगों ने जो क्षेत्र की उपेक्षा व नेताओं से मिले लारे लप्पे व झूठे अश्वासनों की पोल खोली। इसके बाद सैकड़ों लोगों ने दर्जनों गाडि़यों व बाइक में इकट्ठा होकर मेन बाजार, बसंत, पुर, सोहर, बलयाली, टकरेड, जमुला, बोहल, नेरी, बजीर चौक, दतवाड़, कछालि व घनाला पंचायतों के गांवों में लोगों को वोट न देने को जागरूक किया। समिति के अध्यक्ष मान सिंह ने बताया कि वोट न देने का फैसला कर चुकी जनता के अलावा रैली में जुटी भीड़ से वे बेहद खुश हैं क्योंकि अब यहां के लोग अपने अधिकारों के प्रति अब लामबंद होने लगे हैं। इस मौके पर पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेंद्र मंढोत्रा व व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय कुमार ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया। काबिले गौर है कि बैरी, सोहर, संधोल दतवाड व कोठवां पंचायत के शेड़ चतरोंन, बांह व चेलबल्हि गांव पहले ही बहिष्कार का प्रस्ताव चुनाव आयोग व प्रशासन को भेज चुके थे, लेकिन अब ये तादाद बढ़ती जा रही है। उधर, संधोल में लोगों द्वारा चुनाव बहिष्कार का समर्थन करने से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की दिक्कतें बढ़ना शुरू हो गई हैं। अगर संधोल के लोग नौ नवंबर को मतदान नहीं करते हैं, तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान किसे होगा यह चुनाव लड़ रही पार्टियां अच्छी तरह जानती हैं।
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