एनजीटी..ऐलान-ए-जंग

By: Nov 27th, 2017 12:07 am

शिमला  – एनजीटी के फैसले का शिमला में विरोध शुरु हो गया है। शिमला नागरिक सभा ने निर्णय लिया है कि इस फैसले के खिलाफ शिमला नागरिक सभा सड़कों पर उतरेगी। यह फैसला शिमला नागरिक सभा की रविवार को शिमला में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि एनजीटी के निर्णय के खिलाफ  दो दिसंबर को कालीबाड़ी हाल शिमला में अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। अधिवेशन में शहर की सभी सामाजिक संस्थाओं, जनता के सभी संगठनों, नगर निगम के प्रतिनिधियों व अन्य प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। शहर के नागरिकों को लामबंद करके इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा। शिमला नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि एनजीटी का आदेश जनविरोधी है व इससे शहर की गरीब जनता, मध्यम वर्ग, कर्मचारियों व आम जनता को भारी नुकसान होगा। इस निर्णय से न केवल भविष्य में मकान बनाने वालों को भारी दिक्कत होगी बल्कि पहले से बने मकानों को रेगुलर करने के लिए आम जनता को भारी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी। आगामी तीन महीनों तक भवनों के निर्माण पर रोक से जनता को भारी परेशानी होगी। केवल ढाई मंजिल का भवन बनाने की इजाजत से  जनता को भारी नुकसान होगा। बैंक से कर्जा लेकर खरीदी गई जमीन अथवा बनाए गए मकानों के वित्तीय बोझ में जनता का दबना निश्चित है। जनता के खून पसीने की कमाई का डूबना तय है। उन्होंने कहा है कि एनजीटी का निर्णय नगर निगम, अन्य विभागों व प्रदेश सरकार जैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर भी सीधा हस्तक्षेप है। एनजीटी के निर्णय से शिमला शहर के किसी भी समुदाय को कोई भी फायदा नहीं होने वाला है। इस निर्णय से शिमला शहर के पर्यावरण व वातावरण को कोई ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। शिमला नागरिक सभा सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि एनजीटी का निर्णय जनता विरोधी है। इसलिए इसका हर हाल में विरोध व आंदोलन किया जाएगा।


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